Diwali Information In Hindi दिवाली हिंदू धर्म का पवित्र और लोकप्रिय त्यौहार हैं । दिवाली को दिपावली नाम से भी जाना जाता हैं । हिंदू धर्म के अलावा अन्य धर्म भी इस त्यौहार को मनाते हैं । छोटे बच्चों से लेकर बड़े लोगों तक यह त्यौहार सभी को पसंद हैं। यह त्यौहार सभी लोग बहोत उत्साह से मनाते हैं । दिवाली त्यौहार खुशी और सुख – समृद्धी का त्यौहार हैं । दिवाली दशहरे के 21 दिन बाद कार्तिक मास की अमावस्या के दिन मनाई जाती हैं । यह त्यौहार पांच दिनों के लिए मनाया जाता हैं ।
दिवाली त्यौहार की पूरी जानकारी Diwali Information In Hindi
दिवाली क्यो मनाई जाती हैं –
भगवान श्रीराम 14 वर्ष का वनवास पूरा करके अयोध्या वापस लौटे थे । तब उनके लौटने की खुशी में अयोध्या के लोगों ने उस अमावस्या की रात को हर गली और घर में दिपक जलाके पूरी अयोध्या को रोशनी से चमका दिया था ।तभी से लोग दिपावली का त्यौहार मना रहे हैं।
दिवाली त्यौहार के पहले की तैयारीयां –
दिवाली त्यौहार बहोत उत्साह से मनाया जाता है । दिवाली त्यौहार जब पास आने लगता है तब लोग खुश रहते हैं । दिवाली के कुछ दिन पहले ही लोग अपने घरों की और कार्यालयों की सफाई करने लगते हैं । व्यापारी अपने दुकान साफ करते हैं और दुकान सजाते हैं । दिवाली के कुछ दिन पहले लोग गणेश जी , लक्ष्मी जी और राम जी की तस्वीरें खरीदते हैं ।
लोग दिवाली के लिए बर्तन , कपड़े , दीप , रंगोली खरीदते हैं। बाजार में लोगों की बहुत भीड़ होती है। दिवाली में लोगों को बांटने के लिए महिलाएं मिठाइयां बनाती है ।
दिवाली कैसे मनाई जाती है
दिवाली का त्यौहार पांच दिनों तक चलता है । पांच दिन लोग बहोत उत्साह से दीपावली मनाते हैं । दीपावली में लोग घर में दिप जलाते हैं और मिठाईयां बनाकर लोगों में बांटते हैं । दीपावली में पटाखे फोड़े जाते हैं। दीपावली के पांच दिनों को अलग अलग नाम से जाना जाता है और इस दिन का महत्व अलग अलग होता है।
दिवाली के पांच दिन –
1 ) धनतेरस –
दिवाली के पहले दिन को धनतेरस कहते हैं। दिवाली के त्यौहार की शुरुआत धनतेरस से होते हैं इनको देश के नाम से भी जाना जाता है । इस दिन आरोग्य देवता धनवंतरी , मृत्यु देवता यम , देवी लक्ष्मी और देवता कुबेर की पूजा की जाती हैं ।
मान्यता के अनुसार प्रभु धनवंतरी अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे । तब वह तिथी धनत्रयोदशी नाम से जानी जाने लगी । इस दिन लोग बर्तन , सोना और चांदी की खरेदी करना शुभ माना जाता हैं ।
2 ) नरक चतुर्दशी –
नरक चतुर्दशी धनतेरस के दूसरे दिन मनाई जाता हैं । इसे छोटी दिवाली , काली चतुर्दशी और रूप चौदस इस नाम से भी जाना जाता हैं । इस दिन सभी लोग अपने घर पर दिप जलाते हैं । ऐसा माना जाता हैं की इस दिन से घर में माता लक्ष्मी का आगमन होता हैं । ऐसी मान्यता हैं की इस दिन से भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर राक्षस का वध किया था और इसके साथ नरकासुर के बंदीगृह से 16 हजार से ज्यादा महिलाओं को मुक्त किया था ।
तभी से इस दिन को नरक चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता हैं । मान्यता के अनुसार , इस दिन जो व्यक्ती यमराज देवता के लिए दिया जलाता हैं उसे जीवन की परेशानियों से मुक्ती मिलती हैं और अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता । इसलिए इस दिन लोग यमराज के नाम का दिया जलाते हैं ।
3 ) दिपावली –
दिवाली के तिसरे दिन को दिपावली कहा जाता हैं । यह दिन दिपावली का प्रमुख दिन होता हैं । इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा की जाती हैं । कार्तिक माह के अमावस्या को समुद्र मंथन से माता लक्ष्मी प्रकट हुई थी । माता लक्ष्मी को धन , ऐश्वर्य , वैभव और सुख – समृद्धी की देवी माना जाता हैं ।
अमावस्या का अंधकार दिपों से रोशन हो जाए इसलिए इस दिन दिप जलाये जाते हैं । दुसरी मान्यता ऐसी हैं की भगवान राम , राम के भाई लक्ष्मण और माता सीता 14 साल का वनवास पुरा करके घर लौटे थे । इसलिए उनके स्वागत के लिए अयोध्या के लोगों ने पुरे नगर में दिप लगाये थे । इसलिए इस दिन से दिपावली त्यौहार मनाया जाता हैं । इस दिन रात को लक्ष्मी माता की पूजा करते हैं ।
4 ) गोवर्धन पूजा –
दिवाली के चौथे दिन को गोवर्धन पूजा या अन्नकूट उत्सव भी कहा जाता हैं । इस दिन को पाडवा या प्रतिपदा भी बोलते हैं । इस दिन घर के पालतू जानवर जैसे गाय , बैल , बकरी का स्नान करके उन्हें सजाया जाता हैं । इस दिन घर के आंगन में गोबर से गोवर्धन बनाते हैं और उसकी पूजा करके पकवानों का भोग लगाया जाता हैं ।
ऐसी भी मान्यता हैं की , त्रेतायुग में इंद्रदेव गोकुलवासियों से नाराज हो गये थे और उन्होंने बहोत बारीश शुरू की थी । उस वक्त भगवान श्रीकृष्ण ने अपने छोटी अंगुली पर गोवर्धन पर्वत उठाया था । उसी दिन से गोवर्धन पूजा मनायी जाती हैं ।
5 ) भाईदूज –
दिवाली के पांचवे दिन को भाईदूज या यम द्वितीया भी कहते हैं । यह दिवाली का अंतिम दिन होता हैं । इस दिन बहने अपने भाईयों के दीर्घायु और सुख समृद्धी के लिए प्रार्थना करती हैं । इसके बदले भाई अपने बहनों को उपहार देते हैं । इस दिन बहने अपने भाई के माथे पर तिलक लगाकर उनकी आरती उतारती हैं और अपने भाईयों को मिठाई खिलाती हैं ।
किस जगह पर कैसे दिवाली मनाई जाती हैं –
1 ) कोलकाता –
कोलकाता में दिवाली में मां काली की पूजा की जाती हैं । दिन में देवी काली को हिबिस्कस के फूलों से सजाया जाता हैं । इस दिन मंदिरों में और घरों में पूजा की जाती हैं । दिवाली में लोग काली माता को दाल , चावल और मिठाई चढ़ाते हैं । कोलकाता में कूछ क्षेत्रों में पंडाल और मेले लगाए जाते हैं ।
2 ) गुजरात –
गुजरात में दिवाली के साथ ही एक साल खत्म हो जाता हैं । दिवाली के अगले दिन गुजरात के लोग गुजराती नववर्ष दिवस , बेस्टु वरस मनाते हैं । गुजरात में दिवाली के पहले दिन वाघ बरस उसके बाद धनतेरस , काली चौदश , दिवाली , बेस्टु वरस और भाईदूज आते हैं ।
3 ) महाराष्ट्र –
महाराष्ट्र में दिवाली पांच दिनों के लिए मनाई जाती हैं । पहला दिन वसु बरस , दुसरे दिन धनतेरस , तिसरे दिन नरक चतुर्दशी , चौथे दिन दिपावली और पांचवे दिन भाईदूज मनाई जाती हैं । महाराष्ट्र में वसुबरस में गाय और बछड़े का पूजन किया जाता हैं ।
धनतेरस के दिन व्यापारी अपने वही की पूजा करते हैं । नरक चतुर्थी के दिन उबटन करके स्नान करते हैं । दिवाली के दिन माता लक्ष्मी का पूजन करते हैं और भाईदूज के दिन बहने अपने भाईयों को तिलक लगाकर आरती उतारती हैं और मिठाई खिलाती हैं । भाई बहनों को उपहार देते हैं ।
4 ) गोवा –
गोवा में दिवाली पांच दिनों तक चलती हैं । दिवाली में गोवा में दिये जलाये जाते हैं और पटाखे फोड़ते हैं । गोवा में दिवाली में पारंपरिक नृत्य और संगीत होता हैं । दिवाली में गोवा में पारंपरिक व्यंजन भी बनाये जाते हैं । गोवा में दिवाली में बहोत पर्यटक घुमने आते हैं ।
5 ) तमिलनाडु –
तमिलनाडु में दिवाली में दिप जलाते हैं और देवताओं को नैवेद्य चढ़ाते हैं । तमिलनाडु के लोग अपने पूर्वजों को प्रसन्न करने के लिए पितृ तर्पण पुजा करते हैं । तमिलनाडु में दिवाली दिवाली के एक दिन पहले मनाई जाती हैं । तमिलनाडु के लोग घर के आंगन साफ करके रंगोली निकालते हैं ।
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