बैल की पूरी जानकारी Ox Information In Hindi

Ox Information In Hindi बैल को अंग्रेजी में Ox बोलते हैं ।‌ बैल एक चौपाया पालतु जानवर हैं । महाराष्ट्र में पोळा त्यौहार में बैल की पुजा करते हैं। बैल का उपयोग माल एक जगह से दुसरे जगह लेकर जाने के लिए और सवारी करने के लिए किया जाता हैं ।

Ox Information In Hindi

बैल की पूरी जानकारी Ox Information In Hindi

बैल को किसान का परम मित्र कहा जाता हैं । बैल का उपयोग किसान खेती के कामों के लिए करते हैं । भारत के गांवों में आज भी बैलगाड़ी का उपयोग किया जाता हैं । नंदी बैल भगवान शिव के वाहन हैं । बैल का जीवनकाल 20 से 25 साल होता हैं ।

बैल का उपयोग –

बैल का उपयोग प्राचीन काल से किया जाता हैं । बैल का उपयोग माल एक जगह से दुसरे जगह लेकर जाने के लिए और सवारी करने के लिए किया जाता हैं । बैल का उपयोग किसान खेती करने के लिए भी करते हैं । बैलों का उपयोग दौड़ में भी किया जाता हैं । बैल बहोत ही वफादार और मेहनती जानवर हैं । बैल के गोबर का उपयोग जमीन बनाने के लिए किया जाता हैं और खेत में अच्छी फसल उगाने के लिए भी बैल का उपयोग किया जाता हैं ।

बैल के प्रकार –

1 ) खिलार बैल –

खिलार बैल महाराष्ट्र के सोलापुर , सीतापुर , पंढरपुर , पुसेगाव , आटपाडी , अकलुज , औंध , कारागामी इन जगहों पर देखने को मिलते हैं । यह बैल बहोत ही ताकतवर होते हैं । इनका उपयोग दौड़ने के लिए किया जाता हैं। इन बैलों के सिंग लंबे होते हैं और इनका रंग सफ़ेद होता हैं ।

2 ) हल्लीकर –

यह बैल कर्नाटक के विजयनगर में देखने को मिलता हैं । इस बैल के सिंग लंबे होते हैं और इस बैल के पैर मजबुत होते हैं ।

3 ) अमृतमहल –

यह बैल आकार में बडे़ होते हैं । यह बैल कर्नाटक के चित्रदुर्ग और चिक्कमंगळरु जिले में देखने को मिलता हैं । इस बैल के सिंग लंबे और टोकदार होते हैं ।

4 ) पुलिकुलम –

यह बैल तमिळनाडु के मदुराई जिले में देखने को मिलते हैं । यह बैल आकार में छोटे होते हैं । इस बैल का ज्यादा से ज्यादा उपयोग खेती के कामों के लिए किया जाता हैं ।

5 ) अलंबडी –

यह बैल तमिलनाडु के धर्मापुरी में देखने को मिलता हैं । यह बैल दिखने में हल्लिकर बैल जैसे होते हैं । इस बैल को बिटास भी बोला जाता हैं ।‌

6 ) कृष्णा –

यह बैल कर्नाटक के कृष्णा नदी और महाराष्ट्र के पर्वतीय क्षेत्रों में देखने को मिलते हैं । यह बैल सफ़ेद रंग के होते हैं । यह बैल मध्यम आकार के होते हैं और इनके सिंग भी मध्यम आकार के होते हैं । इन बैलों का उपयोग खेती के कामों के लिए किया जाता हैं ।‌

7 ) बरगूर –

यह बैल तमिलनाडु के इरोड जिले में देखने को मिलता हैं । यह बैल सफ़ेद रंग का होता हैं ।

8 ) कंकरेज –

यह बैल गुजरात और राजस्थान में देखने को मिलता हैं । इस बैल को बड़े सिंग होते हैं । इस बैल को वाडियार और बागेड इस नाम से भी जाना जाता हैं ।‌

सांढ और बैल में अंतर –

1 ) सांढ आक्रमक और गुस्सेवाला प्राणी होता हैं । बैल शांत प्राणी होता हैं और आसानी से नियंत्रण में आता हैं ।

2 ) सांढ लम्बे होते हैं और बैल सांढों की तुलना में थोडे लंबे होते हैं ।

3 ) सांढ कृषी कामों के लिए और गाड़ी खींचने के लिए काम नहीं आते । बैल कृषी कामों के लिए और गाड़ी खींचने के लिए काम आते हैं ।

बैल पोळा –

बैल पोळा यह एक महत्त्वपूर्ण त्यौहार हैं ।‌ यह त्यौहार हमेशा मेहनत करने वाले मुके जनावरों के लिए मनाया जाता हैं । इस त्यौहार से मेहनत करने वाले मुके जनावरों के प्रति प्रेम व्यक्त किया जाता हैं ।

यह त्यौहार महाराष्ट्र से लेकर अन्य राज्यों में भी मनाया जाता हैं ।‌ पर यह त्यौहार अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग दिनों में मनाया जाता हैं । बैल पोळा को कर्नाटक में कर्नाटकी ‘ बेंदूर ‘ कहा जाता हैं ।‌ यह त्यौहार महाराष्ट्र में ज्यादा मनाया जाता हैं ।‌ बैल पोळा को किसानों का त्यौहार नाम से भी जाना जाता हैं । यह त्यौहार किसान बहोत ही मजे से मनाते हैं ।‌

बैल के बारे में रोचक जानकारी –

1 ) बैल चार पाय होने वाला पालतु जानवर हैं ।‌ बैलों की एक जाती का नाम कस्तुरी बैल भी हैं ।

2 ) बैल का उपयोग खेती के कामों के लिए और बैलगाड़ी से सवारी करने के लिए और माल लेकर जाने के लिए किया जाता हैं ।

3 ) बैल को नंदी और संध इस नाम से भी जाना जाता हैं ।

4 ) बैल का वजन 300 से 500 किलो तक होता हैं ।

5 ) नंदीबैल भगवान शिव की सवारी हैं ।

6 ) मादी कस्तुरी बैल का गर्भकाल 8 से 9 महिने का होता हैं । वह बसंत ऋतु में एक बच्चे को जन्म देती हैं कभी कभी जुड़वां बच्चे को जन्म देती हैं ।

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