Jaya Parvati Festival Information In Hindi हॅलो ! इस पोस्ट में हम जयापार्वती व्रत के बारे में जानकारी लेने वाले हैं । जयापार्वती व्रत को विजया- पार्वती नाम से भी जाना जाता हैं । इस व्रत को विवाहित महिला और कुंवारी लड़कीयां करती हैं । यह त्यौहार मुख्यत: गुजरात में मनाया जाता हैं । यह व्रत पाच दिन मनाया जाता हैं । यह व्रत देवी जया को समर्पित हैं इस व्रत में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है । इस व्रत को पूरे मन और श्रद्धा से करने से भगवान शिव और माता पार्वती का आशीर्वाद प्राप्त होता हैं ।
जयापार्वती त्यौहार के बारे में जानकारी Jaya Parvati Festival Information In Hindi
यह व्रत हरतालिका व्रत और गणगौर की तरह ही होता हैं । जयापार्वती व्रत आषाढ माह की शुक्ल पक्ष के 13 वें दिन से शुरू होता हैं , जो कृष्ण पक्ष की तृतीया के दिन समाप्त होता हैं । इस व्रत को पांच , सात , नौ , ग्याराह , बीस सालों तक लगातार रखा जाता हैं । यह व्रत बहोत कठीन होता हैं । विवाहित महिलाएं अपने सुखी जीवन के लिए यह व्रत रखती हैं और अविवाहित लड़कियां अच्छा वर पाने के लिए यह व्रत रखती हैं ।
जयापार्वती व्रत कथा –
एक ब्राम्हण परिवार था । इस परिवार में पती पत्नी थे । दोनो भी बहोत धार्मिक और संस्कारी थे । इनके पास सब कुछ था लेकिन इनके पास बच्चे नहीं थे । दोनो भी हमेशा भगवान शिव से बच्चे के लिए प्रार्थना करते थे । भगवान शिव दोनों के भक्ती से खुश हो गये और भगवान शंकर ने इन्हें दर्शन और कहा की पास में एक जंगल हैं । उस जंगल में मेरी एक मुर्ती हैं । उस मुर्ती की कोई पुजा नहीं करता । तुम वहां जाओ और उस मुर्ती की पूजा अर्चना करो । इसके बाद वह ब्राम्हण उस जंगल में गया ।
उस जंगल में उस ब्राम्हण को जैसे भगवान शिवजी ने बताया वैसे ही एक मुर्ती मिली । इसके बाद वह ब्राम्हण उस मुर्ती को सजाने के लिए और साफ करने के लिए पानी और फूल ढुंढने के लिए गया । रास्ते में ब्राम्हण को एक सांप ने कांट लिया । इसके बाद वह ब्राम्हण बेहोश हो गया । बहोत समय हो गया इसलिए ब्राम्हण की पत्नी चिंतीत होने लगी ।
भगवान शिवजी उसकी भक्ती से खुश हो जाते हैं और उसके पती को सही सलामत भेज देते हैं । इसके बाद कुछ समय के बाद उनको पुत्र प्राप्ती होती हैं और उनका जीवन सुखी हो जाता हैं । इस कथा के अनुसार जो यह व्रत रखता है उसे सदा सुहागन का वरदान मिलता है और उनके बच्चों का जीवन सुखी हो जाता हैं ।
जयापार्वती पूजा की व्रतविधी –
आषाढ शुक्ल त्रयोदशी के दिन सुबह जल्दी उठें और स्नान करें । इसके बाद व्रत का संकल्प करें और माता पार्वती का स्मरण करें । इसके बाद घर के मंदिर में भगवान शिव और माता पार्वती की मुर्ती या तस्वीर स्थापित करें । इसके बाद भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करें । इसके बाद भगवान शिव और माता पार्वती को जल , नारियल , अनार अर्पित करें । यह करने के बाद विधी – विधान से षोडशोपचार पूजन करें । इसके बाद माता पार्वती का स्मरण करें और स्तुती करें ।
माता पार्वती से सुख – सौभाग्य के लिए प्रार्थना करें और कुछ गलती हो गई हो तो माफी मांगे । इसके बाद जयापार्वती व्रत की कथा सुने , आरती करें और पूजन को संपन्न करें । इसके बाद ब्राम्हण को भोजन करवाये और दक्षिणा दे । इसके बाद ब्राम्हणों के चरण छूकर आशीर्वाद लें ।
जयापार्वती व्रत समाप्त होने से एक रात पहले जागरण किया जाता हैं । जो महिला और लडकीयां यह व्रत रखती हैं वह इस रात को जागरण करती हैं । इस जागरण में भजन , किर्तन , नृत्य , संगीत का आयोजन किया जाता हैं । अगर आपने रेत से हाथी बनाया हो तो रात के जागरण के बाद उसे नदी या तालाब में विसर्जित करें ।
जयापार्वती व्रत का महत्व –
जयापार्वती व्रत विवाहित महिलाएं और कुंवारी लड़कियां रखती हैं । विवाहित महिलाएं अपने जीवन में सुख पाने के लिए यह व्रत करती हैं और कुंवारी लड़कियां अच्छा वर पाने के लिए यह व्रत रखती हैं । पौराणिक मान्यताओं के अनुसार जयापार्वती व्रत करने से सुहागन महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ती होती हैं । यह व्रत करने से माता पार्वती प्रसन्न हो जाती हैं ।
जयापार्वती व्रत का भोजन –
जयापार्वती व्रत में फल , दूध , दही का सेवन कर सकते हैं । इस व्रत में नमक का सेवन वर्जित माना गया हैं । इस व्रत में गेंहू का आटा और सब्जीयों का सेवन भी नहीं करना चाहिए । व्रत के आखिरी दिन मंदिर में पूजा करने के बाद नमक और गेंहू के आटे से बनी हुई रोटी या पुरी खाकर व्रत का उद्यापन किया जाता हैं ।
जयापार्वती व्रत के दिन क्या करें –
1 ) जयापार्वती व्रत के दिन सुबह जल्दी उठना चाहिए । इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें ।
2 ) व्रत के दिन पार्वती माता का स्मरण करना चाहिए ।
3 ) इस दिन सिर्फ फल , दूध और दूध से बनी मिठाइयां खानी चाहिए ।
4 ) जयापार्वती व्रत में मंदिर की पूजा होने के बाद नमक और गेंहू के आटे से बनी हुई रोटी या पुरी और सब्जी खाकर व्रत का उद्यापन करना चाहिए ।
5 ) इस दिन जयापार्वती व्रत की कथा जरूर पढ़नी चाहिए ।
6 ) इस दिन पार्वती माता के मंत्रों का जाप करें ।
7 ) इस दिन ब्राम्हण को भोजन कराये और दक्षिणा दे ।
जयापार्वती व्रत के दिन क्या नहीं करना चाहिए –
1 ) जयापार्वती व्रत के दिन नमक और नमक से बने हुए पकवानों का सेवन नहीं करना चाहिए ।
2 ) जयापार्वती व्रत के दिन अनाज और सब्जियों का सेवन नहीं करना चाहिए ।
इस पोस्ट में हमने जयापार्वती व्रत के बारे में जानकारी ली । हमारी पोस्ट को शेयर जरुर किजीए । धन्यवाद !
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जया पार्वती व्रत कैसे करें?
जया पार्वती व्रत के दिन सूर्योदय से पूर्व जागकर नित्य क्रियाओं से निवृत्त होने के पश्चात स्नान करें. स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें. अब जया पार्वती व्रत करने का संकल्प लेकर माता पार्वती का ध्यान करें. अब अपने घर के पूजा कक्ष में एक लकड़ी की चौकी रखकर उस के ऊपर लाल रंग का वस्त्र बिछाएं.
जया पार्वती व्रत में क्या खाना चाहिए?
इस व्रत में नमक खाने की मनाही होती है। इसके अलावा गेहूं का आटा और सभी तरह की सब्जियां भी नहीं खानी चाहिए। व्रत के दौरान फल, दूध, दही, जूस, दूध से बनी मिठाइयां खा सकते हैं। व्रत के आखिरी में मंदिर में पूजा के बाद नमक, गेहूं के आटे से बनी रोटी या पूरी और सब्जी खाकर व्रत का उद्यापन किया जाता है।
जया पार्वती व्रत में कितने दिन होते हैं?
पांच दिन
व्रत में पूजा कैसे करें?
सुबह जल्दी उठ जाएं और स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद साफ वस्त्र धारण करें.
घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें.
सभी देवी- देवताओं का गंगा जल से अभिषेक करें.
शिवलिंग में गंगा जल और दूध चढ़ाएं.
भगवान शिव को पुष्प अर्पित करें.
भगवान शिव को बेल पत्र अर्पित करें.