भैंस की पूरी जानकारी Buffalo Information In Hindi

Buffalo Information In Hindi हॅलो‌ दोस्तों । आज की पोस्ट में हम भैंस के बारे में जानकारी लेने वाले हैं ।‌ भैंस को अंग्रेजी में Buffalo बोलते हैं । भैंस का उपयोग पशुपालन करने के लिए किया जाता हैं ।‌

Buffalo Information In Hindi

भैंस की पूरी जानकारी Buffalo Information In Hindi

पशुपालन आज कमाई के लिए बहुत अच्छा स्त्रोत बन गया है । लोग भैंस , गाय , मुर्गी इन प्राणीयोंका किया जाता हैं । पशुपालन और खेती दोनों एक दूसरे के पर्याय बन गए हैं । आज बहुत किसान खेती के साथ-साथ पशुपालन भी करते हैं । अब बहुत लोगों ने पशुपालन को अपनी कमाई का स्रोत बना कर रखा है ।

आज के इस पोस्ट में हम भैंस के बारे में जानकारी लेने वाले हैं । भैंस का पशुपालन बहोत साल से लोग करते आ रहे हैं । गांव में रहने वाले लोग और किसान भैस का पशुपालन व्यवसाय करने के लिए जरूर करते हैं । अब हम भैंस के बारे में जानकारी लेते हैं ।

भैंस एक चार पाय होने वाला जानवर है । जिसका पालन दूध के उत्पादन के लिए किया जाता है । भैंस को पालने वाले लोग भैंस के दूध का उपयोग दूध पीने के लिए , दुध से अलग-अलग चीजें बनाने के लिए और दूध बिककर पैसे कमाने के लिए करते हैं ।

भैंस पहले एशियाई देशों में पाली जाती थी खासकर भारत में । लेकिन अब भैस पुरे देश में पाली जाती है ।भैंस के दूध के उत्पादन में भारत पहले नंबर पर आता है ।भारत के अलावा एशिया अन्य देशों में भी भैस के दूध का उत्पादन किया जाता है ।

भैंस का पालन भारत में सिंधु सभ्यता से पिछले 5000 सालों से चला आ रहा है । पहले भैंस सिर्फ एशिया के देशों में पाली जाती थे लेकिन अब यह अमेरिका और यूरोप में भी पाली जाती हैं ।

भैंस एक शाकाहारी जानवर है । भैंस सिर्फ चारा और घास खाती है ।‌ भैंस अनाज भी खाती है ।‌‌भैंस के दूध में फैट गाय बकरी के दुध से ज्यादा होता है । भैंस के दूध में कैल्शियम , प्रोटीन , कार्बोहाइड्रेट और वजा जैसे पदार्थ पाए जाते हैं । खल और भूसा भैंस का अधिक दूध उत्पादन के लिए खिलाया जाता है ।

भैंस की शारीरिक संरचना –

भैस काले रंग की होती है । भैंस को चार पूंछ , दो आंखें होती है । उसके शरीर पर काले बाल होते हैं । भैंस की उंचाई 4 फीट तक होती है और इसका वजन 900 किलो तक होता है ।‌

भैंस का दूध –

भैंस का दूध गाढ़ा होता है । भैंस के दूध का उपयोग मक्खन बनाने के लिए और घी निकालने के लिए किया जाता है । और लोगों को भैंस का दूध बहुत पसंद आता है ।भैंस के दूध में प्रोटीन , वसा , कार्बोहाइड्रेट , कैल्शियम इत्यादि पोषक तत्व होते हैं । भैंस के दूध का उत्पादन ज्यादा से ज्यादा भारत , पाकिस्तान ,नेपाल यह देशों में किया जाता है ।

भैंस के प्रकार –

1) मुर्रा भैंस –

भैंसों में मुर्रा भैंस का नाम पहले नंबर पर आता है ।यह भैंस सबसे ज्यादा दूध देने वाली होती है । जो लोग भैंस का पालन करना वह चाहते हैं वह ज्यादा से ज्यादा मुर्रा भैंस खरीदना चाहते हैं । यह भैंस देशी प्रजाति और अन्य प्रजातियों से 2 गुना ज्यादा दूध देती है । यह हर रोज आसानी से 15 से 20 लीटर दूध देती है । कई भैस तो 30 – 35 लीटर भी दूध देती है । इस भैंस के दुध में फैट की मात्रा ज्यादा होती है ।

2 ) सुरती भैंस –

यह भैंस गुजरात के खेड़ा और बड़ौदा में पाई जाती है । इस का रंग काला , पूरा सिल्वर होता है । इसके दूध में वसा की मात्रा 8 – 12 % होती है । यह भैंस मध्यम आकार की होती है । इस देश के सिंग आकार में नुकीले और मध्यम आकार के होते हैं ।

3 ) जाफराबादी –

यह भैस गुजरात के गिर जंगल में पाई जाती है । और इसका पालन जामगर और कच्छ जिले में होता है ।इसका रंग गहरा काला होता है । इसका वजन 750 – 1000 किलोग्राम होता है ।

4 )मेहसाणा भैंस

यह भैंस गुजरात के मेहसाणा जिले और गुजरात से लगे महाराष्ट्र के कुछ क्षेत्र में पाई जाती है । यह थोड़ी थोड़ी मुर्रा भैंस जैसे ही लिखती हैं । इसका शरीर मुर्रा भैंस की तुलना में बड़ा होता है ।

5 )पंढरपुरी भैंस –

यह भैंस महाराष्ट्र के सोलापुर , कोल्हापुर , रत्नागिरी जैसे जिले में देखने को मिलती है । इसका नाम सोलापुर के पंढरपुर गांव के नाम पर पड़ा है । इसके सिंग लंबे होते है । इस भैंस के सिंग 50 सेंटीमीटर तक होते है । यह भैस गोरे , काले रंग की होती है ।

इस भैंस के दूध से बने दही , छाछ और पनीर की मांग बाजार में हमेशा रहती है । महाराष्ट्र में इस भैंस का पालन सबसे ज्यादा होता है । इस भैंस का वजन 470 किलो तक होता है । यह भैंस रेसिंग और बुल फायटिंग जैसे प्रतियोगिताओं में भी भाग ले सकती हैं ।

6 ) चिल्का भैंस –

यह भैंस कटक , जंगम , उड़ीसा , खुर्दा इन जिलों में पाई जाती है । इस देश का नाम उड़ीसा के चिल्का झील के नाम पर पड़ा है । यह भैंस मध्यम आकार की होती है ।‌‌ इस भैंस का रंग काला और गोरा होता है ।

7 ) तोड़ा भैंस –

इन भैंसों का नाम तोड़ा आदिवासियों के नाम पर रखा गया हैं ।‌ यह भैंस मुख्यता तमिलनाडु के नीलगिरी पहाड़ियों पर पाई जाती है ।‌ इस भैंस का रंग गेहेरे सलेटी कलर का , छोटा और चौडा मुंह‌ , माथा चौड़ा , लंबी पुंछ , लंबे सींग और मजबूत टांगे होती है ।

8 ) भदावरी भैंस –

‌यह भैंस उत्तरप्रदेश के आगरा , इटावा मध्य प्रदेश के ग्वालियर क्षेत्र में देखने को मिलती है । इनके सिर का आकार छोटा और पैर भी छोटे होते हैं ।

9 ) कालाकांडी भैंस –

यह भैंस उडीसा के गाजापति , गंजाम, रायगढ़ और आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों में पाई जाती है । इस भैंस का रंग काला और भुरा होता है।

10 ) नागपुरी भैंस –

यह भैंस महाराष्ट्र के अकोला , नागपुर , अमरावती जिले में पाई जाती है । इसका उपयोग में काम के लिए किया जाता है ।

11 ) नीली रावी भैंस

यह भैंस रावी नदी के किनारे पर होती है । इस भैंस का आकार छोटा होता है और दो आंखें के बीच गड्ढा होता है । इसका उपयोग भारी कामों के लिए किया जाता है ।

12 ) बन्नी भैंस –

यह भैंस गुजरात के क्षेत्र में पाई जाती है । इसका रंग गहरा और काला होता है । इसके सिंग अंदर के तरफ घूमे हुए होते हैं । यह भैस अधिक गर्मी और सर्दी भी बर्दाश्त कर लेती हैं ।

हमने आज की पोस्ट में भैंस के बारे में जानकारी ली । आपको हमारी पोस्ट अच्छी लगी हो तो शेयर कीजिए । धन्यवाद !

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मुर्रा भैंस कितने दिन तक दूध देती है?

उत्पत्ति स्थान हिसार से दिल्ली माना जाता है। मुर्रा भैंस की गर्भा अवधि 310 दिन की हौती है अौर अयन विकसित तथा दूध शिराएँ उभरी हौती है।


भैंस 1 दिन में कितने लीटर दूध देती है?

भैंस गंगा मुर्रा नस्ल की एक उत्तम क्वालिटी की भैंस है क्योंकि यह प्रतिदिन दोनों समय का मिलाकर 65 लीटर दूध देती है.


भैंस कितने महीने में बच्चा पैदा करती है?

गाय गाभिन होने के 9 माह 9 दिन भैंस गाभिन होने के 10 माह 10 दिन में बच्चा देती है। इसलिए पशु के गाभिन होने की तारीख का पता होना जरुरी होता है।

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