Camel Information In Hindi ऊंट एक पालतु जानवर हैं। ऊंट को अंग्रेजी में Camel बोलते हैं । Camel शब्द अरबी भाषा के Gmal शब्द से बना हुआ हैं । इसका अर्थ खूबसूरत होता हैं । ऊंट रेगिस्तानी इलाकों में पाया जाता हैं । ऊंट ज्यादा से ज्यादा राजस्थान और गुजरात में पाये जाते हैं ।
ऊंट की पूरी जानकारी Camel Information In Hindi
ऊंट की शारीरिक संरचना –
ऊंट एक चौपाया जानवर हैं । ऊंट को चार पैर , दो कान , दो ऑंखें और पीठ पर एक उभरा हुआ कुबड़ होता हैं । यह कुबड़ ऊंट की पहचान हैं जो ऊंट को अन्य जीवों से अलग बनाता हैं । ऊंट के पलकों पर तीन परत होते हैं जो ऊंटों को रेगिस्तान के धूलों से बचाते हैं । ऊंटों में देखने की और सुनने की क्षमता भी अधिक होती हैं ।
ऊंट की ऊंचाई 7 फीट तक हो सकती हैं । जब ऊंट पैदा होते है तब ऊंट को कुबड़ नहीं होते लेकिन जैसे जैसे उम्र बढ़ती जाती हैं वैसे वैसे इनके कुबड़ का आकार बढ़ता जाता हैं । ऊंट के शरीर का तापमान 34 से लेकर 41 डिग्री सेल्सियस तक होता हैं । 41 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान बढ़ने पर ऊंटों को पसीना आने लगता हैं ।
ऊंट का वजन 600 किलो तक हो सकता हैं । रेगिस्तान में जब रेत की हवा चलनी लगती हैं तब ऊंट अपने नथुने बंद कर लेता हैं जिससे ऊंट की नाक में रेत नहीं जाती । ऊंट 65 किमी प्रतिघंटे दौड सकते हैं । ऊंट की कुबड में वसा होता हैं । यह वसा जरुरत पड़ने पर खाना और पानी के रुप में बदल जाता हैं । ऊंट का मुंह दो भागों में बटा हुआ होता हैं । ऊंट इसका उपयोग खाना अच्छी तरह से चबाकर खाने के लिए करता हैं ।
ऊंट एक चौपाया जानवर हैं । ऊंट को रेगिस्तान का जहाज भी कहा जाता हैं । ऊंट गर्म और सूखे इलाकों में रहना पसंद करते हैं । रेगिस्तान का गर्म वातावरण ऊंटों के लिए अनुकूल होता हैं । ऊंट मरूस्थल और रेतीले जगहों पर ज्यादा तेजी से चलते हैं । ऊंट बहोत ही वफादार जानवर हैं ।
ऊंट का खाना –
ऊंट एक शाकाहारी प्राणी हैं । ऊंट फल – फुल , पत्ते , पौधे खाते हैं । ऊंट एक बार में 30 लीटर तक पानी पी सकता हैं । ऊंट के कुबड़ में वसा होता हैं। यह वसा खाना और पानी के रुप में बदल जाता हैं । इसलिए ऊंट बहोत दिनों तक खाना और पानी के बिना रह सकता हैं
ऊंट का उपयोग –
ऊंट का उपयोग यात्रा करने के लिए हो सकता हैं । तंबू , वस्त्र , बिस्तर के लिए ऊंट फर का उपयोग करते हैं । ऊंट रेगिस्तानों में बड़ी दूर तक जा सकते हैं । कई देशों में आर्मी के जवान ऊंट का उपयोग बाॅर्डर पर निगरानी करने के लिए भी करते हैं । ऊंट का उपयोग दूध और चमड़ी के लिए भी किया जाता हैं ।
ऊंट का उपयोग बोझा लेकर जाने के लिए भी किया जाता हैं । गाय के दूध से ज्यादा ऊंट का दूध हमारे स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता हैं । ऊंट के दूध में कम फॅट होता हैं । ऊंट के दूध में बहुत सारा आइरन , विटामिन और मिनरल पाया जाता हैं । राजा महाराजा रेगिस्तान में जंग के लिए भी ऊंट का इस्तेमाल करते थे । ऊंट को पालकर सर्कस में लोगों के मनोरंजन के लिए उपयोग किया जाता हैं ।
ऊंट की नस्लें –
1 ) बीकानेरी ऊंट –
यह ऊंट बीकानेर , गंगानगर , सीकर , चुरु , हनुमानगढ़ झुंझुनू में देखने को मिलते हैं । यह ऊंट मध्य प्रदेश के आजू-बाजू के हिस्से में भी देखने को मिलते हैं । यह ऊंट बहोत ही अच्छा रेगिस्तानी पशु हैं । यह ऊंट भारत के ऊंटों के नस्लों में से एक हैं । इस ऊंट की ऊंची 12 फीट तक होती हैं ।
इस ऊंट का शरीर मजबूत होता हैं । इस ऊंट की गर्दन मोटी और लंबी होती हैं । इस ऊंट को ‘ झीपडा़ ऊंट ‘ भी कहा जाता हैं । इन ऊंटों में भारत उठाने की क्षमता अधिक होती हैं । इन ऊंटों का ज्यादा इस्तेमाल बोझा उठाकर लेकर जाने के लिए किया जाता हैं । ऊंटों का उपयोग दूध , बाल और खाद उत्पादन के लिए भी किया जाता हैं ।
2 ) जैसलमेरी ऊंट –
यह ऊंट जैसलमेर , जोधपुर और बाड़मेर में देखने को मिलते हैं । इस ऊंट को सवारी करने के लिए और रेतीले जगहों पर अपने दौड़ने के क्षमता के लिए जाना जाता हैं । इस ऊंट की सवारी और मनोरंजन के लिए बहोत माॅंग होती हैं । इनकी ऊंची 9 फीट तक होती हैं। यह ऊंट स्वभाव से फुर्तीले होते हैं । यह ऊंट सामान्यतः हल्के भूरे रंग के होते हैं ।
3 ) मेवाड़ी ऊंट –
इस ऊंट का नाम मेवाड़ क्षेत्र से पड़ा हैं । यह ऊंट दुध उत्पादन के लिए प्रसिद्ध हैं । यह ऊंट राजस्थान और मध्यप्रदेश के कुछ जीलों में देखने को मिलते हैं । यह ऊंट भुरे और सफेद रंग के होते हैं.
4 ) कच्छी ऊंट –
यह ऊंट गुजरात राज्य के कच्छ के रण में देखने को मिलते हैं । यह ऊंट सामान्यतः मटमैले रंग के होते हैं । इन ऊंटों का शरीर मध्यम आकार का होता हैं ।
5 ) गोमठ ऊंट –
यह ऊंट राजस्थान में सर्वाधिक जोधपुर की फलोदी तहसील में देखने को मिलते हैं । यह ऊंट सवारी के लिए प्रसिद्ध हैं ।
6 ) नाचना ऊंट –
यह ऊंट ज्यादा से ज्यादा राजस्थान के जैसलमेर में देखने को मिलता हैं । यह ऊंट सबसे सुंदर ऊंट होता हैं । सवारी करने के लिए और तेज दौडने के लिए यह ऊंट उपयोगी हैं ।
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ऊंट कितने दिन तक पानी नहीं पीता है?
उसके कूबड़ में वसा जमा होती है। जो धीरे-धीरे जरूरत पड़ने पर पानी या ऊर्जा में बदलती रहती है। इसलिए वह छह महीने तक बिना पानी पिए जीवित रह सकता है। वैसे ऊंट एक बार में 113 लीटर पानी केवल 13 मिनट में पी सकता है।
ऊँट कहाँ रहता है?
ऊंट की दो प्रजातियां होती हैं पहली एक कूबड़ वाले ऊंट जो अरब में पाए जाते हैं और दूसरे बैक्ट्रियन जिनके दो कूबड़ होते हैं। एक कूबड़ वाले ऊंट पश्चिम एशिया के रेगिस्तानी इलाकों में पाए जाते हैं, जबकि दो कूबड़ वाले ऊंटों का घर मध्य और पूर्वी एशिया है।
ऊंट पानी कहां जमा करते हैं?
कूबड़ का उपयोग पानी भंडारण के लिए नहीं किया जाता है, लेकिन ऊंट पानी के बिना लंबे समय तक रह सकते हैं। वे बड़ी मात्रा में पानी पीते हैं – एक बार में 20 गैलन तक। यह पानी जानवरों के रक्तप्रवाह में जमा हो जाता है
ऊंट कितने साल रहता है?
40-50 साल तक
ऊंट का भोजन क्या होता है?
ग्वार भूसे की पोषकता में सुधार लाने के लिए ऊँटों को कुल मिश्रित राशन का 50% मूंगफली चारा और ग्वार भूसा दिया जाना अधिक लाभदायक पाया गया।