अमित शाह का जीवन परिचय Amit Shah Biography In Hindi

Home Minister Amit Shah Biography In Hindi बीजेपी का चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह किसी नाम के मोहताज नहीं है। साथ ही वो पीएम मोदी के दाए हाथ भी कहे जाते है। अमित शाह की वजह से बीजेपी ने ऐसे कई राज्यों में चुनाव जीते हैं, जहां पर इस पार्टी की नामो निशान भी नही था। लेकिन क्या आप जानते हैं उन्होंने अपने करियर की शुरुवात एक छोटे से बिज़नेस से किया था। अमित शाह का राजनीति सफर इतना आसान नहीं रहा है। हर बार कोई न कोई विवादों से घिरते रहते है। भले की वो आज गृह मंत्री बन गए है, लेकिन इस मुकाम को हासिल करने के लिए शाह ने कड़ी मेहनत की है। तो चलिए जानते है…

Amit Shah Biography In Hindi

अमित शाह का जीवन परिचय Amit Shah Biography In Hindi

प्रारम्भिक जीवन एवं शिक्षा (Amit Shah Birth And Education) :-

शाह का जन्म 22 अक्टूबर 1964 को महाराष्ट्र में हुआ था। जब शाह छोटे थे तब उनके लिए घर पर इतिहास की शिक्षक को बहाल किया था। यहां से उनके अंदर  इतिहास को जानने और समझने की रूचि जगी। हालंकि शाह की शुरुआती पढ़ाई उनके गाँव में ही शुरू हुई। बाद में हायर एजुकेशन के लिए उन्हें अहमदाबाद भेजा गया। अहमदाबाद के एक कॉलेज से उन्होंने बॉयोकेमिस्ट्री से बीएससी की पढाई पूरी की। अपनी पढाई पूरी करने के बाद वो अपने पिता का बिजनेस संभालने में जुट गए।

अमित शाह के राजनीति करियर की शुरुआत (Shah Political Career):-

राजनीति में आने से पहले वे मनसा में प्लास्टिक के पाइप का बिजनेस किया करते थे। हालांकि वो कम उम्र में ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ गए थे। अमित शाह ने अपने कॉलेज के दिनों में ही राजनीति में आने का फैसला ले लिया था, शायद यही वजह था कि साल 1983 में ये अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े। साल 1986 में शाह ने बीजेपी पार्टी ज्वाइन करने का मन बना लिया। शाह के जीवन में बड़ा राजनीतिक मौका 1991 में आया, जब उन्हें लालकृष्ण आडवाणी के लिए गांधीनगर संसदीय क्षेत्र में चुनाव प्रचार करने की जिम्मेदारी दी गयी। साल 1996 में उनको दूसरा मौका मिला जब अटल बिहारी वाजपेयी के लिए गुजरात में चुनाव प्रचार की जिम्मेदारी मिली। हालांकि साल 1997 में अमित शाह खुद गुजरात की विधानसभा चुनाव जीतकर अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत कर ली।

2014 में शाह बने बीजेपी पार्टी के अध्यक्ष :-

साल 2014 के लोकसभा चुनाव में अपनी पार्टी को जीत दिलवाने के लिए शाह ने दिन रात मेहनत की थी। शायद इसी वजह से 2014 में बीजेपी प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में वापसी की। शाह को साल 2014 में बीजेपी पार्टी अध्यक्ष का पद दिया गया। जिसके बाद इनकी अध्यक्षता में पार्टी ने कई राज्यों में चुनाव जीत कर इतिहास रच दिया। साल 2016 में एक बार फिर से पार्टी अध्यक्ष के रूप में चुन लिया गया। लालकृष्ण आडवाणी और राजनाथ सिंह के बाद तीसरे ऐसे नेता हैं, जिन्हें दोबारा भारतीय जनता पार्टी का अध्यक्ष बनाया गया था।

शाह से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण विवाद :-

अमित शाह को बीजेपी का चाणक्य भी कहा जाता है। अमित शाह पार्टी के माहिर खिलाड़ी में से एक है। लेकिन शाह अक्सर किसी न किसी विवादों में फंसते रहते है। तो चलिए हम आपको उनसे जुड़े कुछ विवादों के बार में बताते है….

1. फर्जी एनकाउंटर का आरोप :- साल 2005 में गुजरात में हुए एक एनकाउंटर में तीन लोगों को आतंकवादी बताते हुए मार दिया गया।था लेकिन कहा जाता है की इस एनकाउंटर के पीछे शाह का हाथ था। इस एनकाउंटर की जांच करने के बाद आरोप लगा था की शाह ने पैसे लेकर ये एनकाउंटर करवाया था।

2.  गुजरात दंगों के सबूत साफ करने का आरोप :- साल 2002 गुजरात में हुए दंगों को लेकर अमित शाह का भी नाम खूब चर्चा में रहा था। इनके उपर आरोप था कि पैसे लेकर दंगे से जुड़े सबूतों की मिटाने की कोशिश की थी। इतना ही नहीं इस केस से जुड़े गवाहों को अपना बयान बदलने पर मजबूर भी किया था।

3.  महिला की जासूसी करने का आरोप :- शाह की मुश्किलें कम नही हुई, साल 2009 में एक बार फिर उनका नाम विवादों में आ गया। इस बार उनके उपर एक महिला की जासूसी करने का आरोप लगा था। कहा यह भी जाता है कि शाह ने गैर कानूनी ढंग से और अपनी ताकत के बल पर एक महिला की जासूसी करवा रहे थे।

शाह से जुड़ी रोचक बातें :

  1.  शाह एक शुद्ध शाकाहारी राजनेता हैं।
  2.  कम दूरी की यात्राएं हेलिकॉप्टर की जगह रोड से करना पसंद करते हैं।
  3. “चाय पर चर्चा” की रूपरेखा तैयार करने में भी शाह का योगदान रहा हैं।
  4. इनके टीम में कोई फिक्स सदस्य नहीं हैं, वो हर काम के लिए अलग-अलग लोगों पर निर्भर रहते हैं।

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58

अमित शाह कैसे बने अमीर?

मेहनत की कमाई. अमित शाह और उनका परिवार कमाने के लिए मंडी में लोडमैन के रूप में काम कर रहे थे। यकीन मानिए उन्होंने कड़ी मेहनत से करोड़ों रुपये कमाए थे. अमित शाह हमेशा भ्रष्टाचार के खिलाफ हैं, उन्हें भ्रष्टाचार का मतलब नहीं पता.

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