Hanuman Jayanti Information In Hindi हॅलो ! इस पोस्ट में हम हनुमान जयंती के बारे में जानकारी लेने वाले हैं । हनुमान जयंती यह हिंदू धर्म का त्यौहार हैं । यह त्यौहार भगवान हनुमान जी के सम्मान में मनाया जाता हैं । यह त्यौहार पूरे भारत में हनुमान जी के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता हैं । चैत्र मास की पूर्णिमा को हनुमान जयंती के रूप में मनाया जाता हैं । हनुमान जयंती साल में दो बार मनाई जाती हैं एक हनुमान जी के जन्मदिन के रूप में और दुसरा हनुमान जी के विजय के रूप में । हनुमान जयंती के दिन बहोत लोग व्रत रखते हैं ।
हनुमान जयंती के बारे में जानकारी Hanuman Jayanti Information In Hindi
हनुमान जयंती पूरे भारत में बहोत धुमधाम से मनाई जाती हैं । हनुमान जयंती के दिन जगहों जगहों पर जुलुस निकाले जाते हैं । इस दिन हनुमान जी के मंदिरों में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता हैं । हनुमान जयंती के दिन बहोत भक्त हनुमान मंदिर में दर्शन करने के लिए जाते हैं । इस दिन भजन – किर्तन , मेला और सुंदरकांड पाठ का भी आयोजन किया जाता हैं ।
हनुमान जयंती पूजा विधि –
हनुमान जयंती के दिन सुबह जल्दी उठें और स्नान करें । इसके बाद स्वच्छ कपड़े पहने और घर के मंदिर में दीपक लगाएं । इसके बाद भगवान सूर्य को जल अर्पन करें । इसके बाद हनुमान जयंती का व्रत करने का संकल्प लें । अगर आपके आसपास हनुमान जी का मंदिर हैं तो मंदिर में जाकर या घर के मंदिर में हनुमान जी के सामने चोला चढ़ाएं और लाल सिंदूर अर्पित करें । हनुमान जी को सिंदूर अर्पित करते समय सिंदूर में चमेली का तेल मिश्रित करें और हनुमान जी को लगाएं ।
इसके बाद हनुमान जी के चालीसा का पाठ करें और हनुमान जी को फूल और मिठाई अर्पित करें । इस दिन हनुमान जयंती के व्रत की कथा पढ़नी चाहिए । हनुमान जी को राम नाम की माला बहोत पसंद होती हैं । हनुमान जी को राम नाम की माला अर्पित करने से हनुमान जी प्रसन्न हो जाते हैं । इसलिए इस दिन हनुमान जी को राम नाम की माला चढ़ाएं । पूजा संपन्न करते समय हनुमान जी को जनेऊ चढ़ाएं और हनुमान जी की आरती जरूर करें ।
हनुमान जयंती व्रत कथा –
त्रेतायुग में राजा दशरथ अयोध्या नगरी में राज कर रहे थे । राजा दशरथ को तीन पत्नीयां थी । उनका नाम कौशल्या , सुभद्रा और कैकेई था । राजा दशरथ को एक भी संतान नहीं थी । इस वजह से राजा दशरथ हमेशा दुखी रहते थे । एक दिन राजा दशरथ ने यज्ञ किया । उस यज्ञ से अग्नीदेव प्रकट हुए । अग्नीदेव ने संतान प्राप्ति के लिए खीर दी । वह खीर राजा दशरथ ने उसके तीनों पत्नीयों को खाने के लिए दी । उस वक्त एक चील आई और खीर लेकर चली गई ।
उड़ते उड़ते वह चील देवी अंजना के आश्रम में चली गई । उस वक्त देवी अंजना उपर देख रही थी और देवी अंजना का मुंह खुला हुआ था । इस वजह से वह खीर देवी अंजना के मुंह में चली गई । देवी अंजना ने वह खीर खा ली । वह खीर खाने के बाद देवी अंजना ने भगवान शिव के अवतार हनुमान जी को जन्म दिया । जब हनुमान जी का जन्म हुआ तब चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा थी ।
हनुमान जयंती का महत्व –
हनुमान जयंती हिंदू धर्म में बहोत महत्त्वपूर्ण हैं । हनुमान जी भगवान शिव के ही अवतार हैं । हनुमान जयंती के दिन सच्चे मन से हनुमान जी का पुजा पाठ करने से हनुमान जी हमारी सारी परेशानियां दूर कर देते हैं । हनुमान जयंती के दिन राम नाम का जाप किया तो हनुमान जी की कृपा हमारे उपर जल्दी होती हैं क्योंकी हनुमान जी श्रीराम के परम भक्त थे ।
इस दिन पूजा पाठ करने से हनुमान जी हमारी मनोकामनाएं पूरी करते हैं । इस दिन हनुमान मंदिर में दीपक लगाना चाहिए और हनुमान मंदिर में बैठकर 11 बार हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए । ऐसा करने से हनुमान जी प्रसन्न होते हैं और हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती हैं ।
हनुमान जयंती के दिन क्या करना चाहिए –
1 ) हनुमान जयंती के दिन हनुमान चालीसा , हनुमान अष्टक और सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए ।
2 ) इस दिन हनुमान जी के सामने चमेली के तेल का दीपक लगाना चाहिए और चोला अर्पित करना चाहिए ।
3 ) इस दिन पीपल के वृक्ष के जड़ में तेल का दीपक लगाना चाहिए । घर वापस आते वक्त पीछे मुड़कर नहीं देखना चाहिए ।
4 ) इस दिन हनुमान जी को एक पान का बीड़ा अर्पित करना चाहिए ।
हनुमान जयंती के दिन क्या नहीं करना चाहिए –
1 ) हनुमान जयंती के दिन मांस मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए ।
2 ) हनुमान जी की पूजा काले और सफेद रंग के कपड़े पहनकर नहीं करनी चाहिए ।
3 ) अगर परिवार में किसी की मृत्यु हो जाती हैं तो सुतक लग जाता हैं । मृत्यु होने के बाद सुतक 13 दिनों तक चलता हैं । इन दिनों में हनुमान जी की पूजा नहीं करनी चाहिए और मंदिर में भी नहीं जाना चाहिए ।
4 ) इस दिन घर में झगड़ा नहीं करना चाहिए ।
5 ) हनुमान जयंती पर दिन के समय में सोना नहीं चाहिए ।
6 ) हनुमान जी के पूजा में कभी भी चरणामृत का प्रयोग नहीं करना चाहिए ।
7 ) हनुमान जी बाल ब्रम्हचारी होने के वजह से स्त्रियों के स्पर्श से दूर रहते थे । इसलिए पूजा के समय स्त्रियों को हनुमान जी को स्पर्श नहीं करना चाहिए ।
8 ) अगर आपने हनुमान जयंती का व्रत रखा हैं तो आपको नमक का सेवन नहीं करना चाहिए और अगर आप दान कर रहे हो तो उन चीजों का खुद सेवन नहीं करना चाहिए ।
इस पोस्ट में हमने हनुमान जयंती के बारे में जानकारी ली । हमारी पोस्ट शेयर जरुर किजीए । धन्यवाद !
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हनुमान जयंती का क्या महत्व है?
हनुमान जयंती का उत्सव भगवान हनुमान को समर्पित होता है, जो शक्ति, भक्ति और निष्ठा के प्रतीक माना जाता है। मान्यता है कि भगवान हनुमान ने हिंदू धर्म के महाकाव्य रामायण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जहां उन्होंने रावण के विरुद्ध लड़ाई में भगवान राम की मदद की थी
हनुमान जयंती और जन्मोत्सव में क्या अंतर है?
दरअसल जयंती और जन्मोत्सव का अर्थ भले ही जन्मदिन से होता है। लेकिन जयंती का प्रयोग ऐसे व्यक्ति के लिए किया जाता है, जो संसार में जीवित नहीं है और किसी विशेष तिथि में उसका जन्मदिन है। लेकिन जब बात हो भगवान हनुमान की तो इन्हें कलयुग संसार का जीवित या जागृत देवता माना गया है
हनुमान जयंती के पीछे की कहानी क्या है?
एक हिंदू त्योहार है जो निस्वार्थ सेवा और साहस के लिए जाने जाने वाले वानर देवता हनुमान के जन्म का प्रतीक है। वह राम के प्रति समर्पित थे, जो स्वयं विष्णु के अवतार हैं, हिंदू धर्म के प्रमुख देवताओं में से एक और वैष्णववाद में सर्वोच्च देवता हैं।
हनुमान जी के गुरु का क्या नाम है?
सूर्य, नारद के अलावा एक मान्यता अनुसार हनुमानजी के गुरु मातंग ऋषि भी थे।