अभिनंदन वर्धमान का जीवन परिचय Wing Commander Abhinandan Varthaman Biography In Hindi

Wing Commander Abhinandan Varthaman Biography In Hindi अभिनंदन भारतीय वायु सेना के वे अधिकारी है, जिनकी राह पूरा हिंदुस्तान देख रहा था। भारतीय सेना के इस शेर को पाकिस्तान ने गिरफ्तार कर लिया था। अभिनंदन वर्धमान ही वो पायलट हैं जिन्होंने पाकिस्तान के कब्जे में जाने के बावजूद हिम्मत नहीं हारी और धैर्य का परिचय दिया। इस कार्यवाही में भारतीय सेना ने एक पाकिस्तानी एफ़-16 विमान को छतिग्रस्त कर दिया, परंतु इस कार्यवाही में एक भारतीय विमान भी क्रेश हो गया। इन्हे पाक सेना द्वारा बंदी बना लिया गया। चलिए  जानते है हमारे बहादुर पायलट अभिनन्दन वर्धमान की निजी जिंदगी के बारे में।

Wing Commander Abhinandan Varthaman Biography In Hindi

अभिनंदन वर्धमान का जीवन परिचय Wing Commander Abhinandan Varthaman Biography In Hindi

अभिनन्दन का तालुकात कहाँ से है-

अभिनंदन वर्धमान ताम्बरम के रहने वाले है, जो कि साउथ चैन्नई का एक रिहायसी इलाका है,तमिलनाडु में। अभिनंदन वर्धमान मिग-21 बिसन के एक पायलट है।

अभिनंदन प्रारंभिक जीवन (Abhinandan’s Early Life) –

भारतीय सेना के शेर कहे जाने वाले अभिनंदन का जन्म 1983 में हुआ था।  कहा जाता है की इनके खानदान में सभी लोग सेना में ही है. मतलब साफ़ है की इनके मन में देश भक्ति का जज्बा खानदानी से चली आ रही है।  इनके पिता और दादा भी भारतीय सेना के अधिकारी रह चुके है। हालंकि इनकी माता डॉक्टर है. आपको जानकर हैरानी होगी की इनकी पत्नी भी वायु सेना में के अधिकारिक पद पर है। जानकारी के अनुसार इनके पिता ने कारगिल युद्ध के दौरान भी कुछ अहम् भूमिका निभाई थी। वहीँ इनके दादा जी का भी तालुकात द्वितीय विश्व युध्द के समय कुछ है।

प्रारंभिक शिक्षा ( Earlier eductaion ) –

अभिनंदन ने अपनी 10वीं कक्षा तक की पढ़ाई  बेंगलुरु से की है। बाद में हायर एजुकेशन लेने के लिए उन्हें  दिल्ली आना पड़ा। बताया जाता है की जब अभिनन्उदन दिल्ली आये थे तो उस टाइम उनके पिता  भारतीय वायुसेना में थे। अभिनंदन खड़कवासला स्थित राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के छात्र रहे चुके है। बचपन से ही उनका सपना था की वो एक दिन  मिग -21 विमान का पायलट बने।  हम में से सबको यह बात पता नही होगा की साल 2019 में विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान (Wg Cdr V Abhinandan) को उनके लड़ाकू विमान के क्षतिग्रस्त होने पर पाकिस्तानी सेना ने अपनी हिरासत में ले लिया था। दो दिनों से अधिक पाकिस्तानी हिरासत में रखने के बाद ‘पाकिस्तान’ ने ‘जिनेवा संधि’ के अंतर्गत विंग कमांडर अभिनंदन भारत की धरती पर वापस भेजा।

जेनेवा संधि क्या है? (What is Geneva Convention?) –

इसकी सुरूवात पूर्व प्रधानमंत्री पंडित नेहरू जी द्नेवारा की गयी थी।  इस सन्धि के तहत ये भी कहा कि अगर भारत का कोई भी सिपाही अन्य देश के कब्जे में आता हैं तो उसके साथ बुरा बरताव नहीं किया जाएगा उसे किसी प्रकार की कोई हानि नहीं पहुचा सकता। इस संधि के अनुसार बंदी सैनिक को डराया धमकाया भी नहीं जा सकता, सरकार चाहे तो उनपर मुकदमा चला सकती है। इस सन्धि के तहत विंग कमांडर अभिनन्दन को पाकिस्तान से किसी भी प्रकार के हानि के बिना भारत वापस लाया जा सका।  पाक ने जीनेवा सन्धि के नियमों को पालन करते हुए उनको अपने देश भारत पहुँचाया।

क्या हुआ था अभीनंदन के साथ ( What happend to wing com. Abhinandan ) :-

पुलवामा अटैक – भारत की इतिहास में यह दिन सबसे दुःख भारा था। क्युकी इसी दिन पाकिस्तान ने जम्मू कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमले को अंजाम दिया। इस हमले में भारतीय जवान के करीब 44 जवान शहीद हो गए, तो वहीं कई जवान बुरी तरह से घायल हो गए। इसी बीच इस हमले की ज़िम्मेदारी पाकिस्तान मे मौजूद आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली।

एयर स्ट्राइक –  इसके जबाबी करवाई में भारत ने पकिस्तान के सर जमी पर घुस कर आतंकी को खतम कर दिया। भारत की और से मिग 21 विमान की मदद से पाकिस्तान में छुपे आतंकी को मार गिराया गया। भारतीय सेना का उद्देश्य साफ था, वे ना तो पाकिस्तानी सेना को नुकसान पंहुचाना चाहते थे, ना ही वहाँ की जनता को, उनका टार्गेट केवल और केवल आतंकवादी थे।

अभिनंदन पाकिस्तान कैसे पंहुचे – मिग 21 के पायलट अभिन्दन पाकिस्तान की जमीं को मार गिराने के चक्कर में उनका विमान क्रेश हो गया और वो पाकिस्तान के अंदर जा गिरे।  दौरान अभिनंदन ने पैराशूट से छलांग लगा दी, परंतु इसमें वे पाक अधिकृत कश्मीर में पंहुच गए।

अभिनंदन की भारत वापसी – भारतीय विंग कमांडर बागा बॉर्डर की ओर से भारतीय सीमा आये है। हालांकि उनके आने की राह पुरे भारतीये लोग देख रहे थे। उनके वापस आने की ख़ुशी में बघा बोर्डर पर करीब लाखो लोग का हुजूम देखने को मिल रहा था।

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अभिनंदन ने पाकिस्तान में कैसे गिरा?

अभिनंदन ने पाकिस्तानी फाइटर जेट को खदेड़ा. इस दौरान वो पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र में चले गए. उनके एयरक्राफ्ट पर पाकिस्तानी एफ-16 ने मिसाइल दाग दी. लेकिन उससे पहले उन्होंने पाकिस्तानी फाइटर जेट को मार गिराया

अभिनंदन भारत कब आया?

-1 मार्च

अभिनंदन को कैसे छोड़ा गया?

विंग कमांडर अभिनन्दन को छोड़ने के बारे में पाकिस्तान के नेशनल असेंबली के पूर्व स्पीकर ने एक बड़ा खुलास किया है. पूर्व स्पीकर सरदार अयाज़ सादिक का कहना है कि आर्मी चीफ डर से कांप रहे थे. उन्हें डर था कि भारत रात में 9 बजे पाकिस्तान पर हमला कर देगा. यही वजह थी कि अभिनन्दन को तय समय से पहले ही छोड़ दिया गया.


अभिनंदन वर्धमान को कौन सा पुरस्कार मिला ?

अभिनंदन को युद्धकाल में अदम्य साहस के लिए वीर चक्र मिलेगा। यह युद्धकाल में दिया जाने वाला तीसरा सबसे बड़ा सैन्य सम्मान है। पहले नंबर पर परमवीर चक्र और दूसरे पर महावीर चक्र हैं।

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