Tiger Information In Hindi हॅलो ! हम आज के पोस्ट में बाघ इस विषय पर चर्चा करने वाले है । बाघ को सभी लोग जानते हैं। बाघ शक्तीशाली प्राणी होता हैं। चलिये तो अब हम बात करते हैं बाघ के बारे में ।
बाघ की पूरी जानकारी Tiger Information In Hindi
बाघ यह भारत का राष्ट्रीय प्राणी हैं । बाघ को अंग्रेजी में टायगर कहते हैं । बाघ बहोत ही शक्तीशाली प्राणी होता हैं। बाघ का रंग पिला होता हैं और उसके शरीर पर काले रंग के पट्टे होते हैं । बाघ को चार पाय , दो आंखे और एक पुंछ होती है। बाघ मांसाहारी प्राणी हैं।
बाघ भारत में और आशिया में बहोत ज्यादा प्रमाण में होते हैं । और मलेशिया , इंडोनेशिया , थायलंड , बांग्लादेश , रशिया , नेपाल और भुतान में भी होते हैं । भारत के साथ साथ ही बाघ बांग्लादेश , दक्षिण कोरिया और मलेशिया का भी राष्ट्रीय प्राणी हैं ।
बाघ को देखकर छोटे बच्चों से लेकर बड़े लोग भी डरते हैं । जंगल में भी बाघ को देखकर सभी प्राणी डरते हैं । बाघ शिकार करता हैं । बाघ सभीं प्राणियोंमे शिकार करने में आगे हैं । शिकार दिखतेही बाघ उसको अपने मजबुत दांतों में पकड़कर रखता हैं । बाघ बहोत ही चपळ प्राणी है वो बहोत तेजी से भागकर शिकार पकड़ता हैं ।
बाघ 50 से 60 किलोमीटर प्रतिघंटा तेजी से दौड़ता हैं । बाघ अब बहोत ही कम प्रमाण में दिखने लगा हैं । कब बाघों की कत्तल की जा रही हैं । बाहर देशों में अमीर लोग बाघ को पालना पसंद करते हैं । बाघ का आवज बहोत डरावना होता हैं । बाघ का आवाज सुनकर लोग डर जाते हैं ।
कभी कभी बाघ मनुष्यों पर भी हल्ला करता हैं । अगर मनुष्य जंगलों में घुमने के लिये गये तो बाघ उनपर भी हल्ला करते हैं ।
पेहेले समय में राजा महाराजा बाघों की शिकार करने के लिये जंगल में जाते थे । भारत में बहोत प्राणी संग्रहालयों में बाघ दिखाई देते हैं । बाघों को प्राणी संग्रहालयों में अन्न , पाणी , निवारा मिलता हैं ।
बाघ के रहने की जगह –
बाघ ज्यादा करके जंगल , दलदली , शिखरों पर और गुफाओं मे रहते हैं , उनको ज्यादा करके अकेले रहना पसंद हैं । उनको कोई और प्रजाती उनके जगह पर आना पसंद नही हैं ।
बाघ का खाना –
बाघ जंगली सूअर , भैंस , हिरण , मछली , पक्षी , वानर यह सब खाते हैं । बाघ बिल्लियों को भी खाते हैं । बाघ उनके सामने जो आता है उसे खा जाते हैं ।
बाघ की प्रजाती –
बाघ की सात से आठ प्रजातियों के बारे में बोला जाता हैं । उसमे कॅस्पियन बाघ , बाली बाघ , सुमात्रा , सायबिरियन , जावा यह आते हैं ।
भारत में किधर किधर बाघ देखने को मिलते हैं –
भारत में बोला जाते तो सभी ही जगहों पर बाघ देखने को मिलते हैं । पंजाब और राजस्थान के उत्तर और वायव्य के वाळवंटी प्रदेश में और कच्छ बाघ दिखाई नहीं देते । हरयाणा , ईशान्य भारत का पानथळ भाग , सुंदरबन , हिमालय का उपभाग , यमुना और उसके उत्तर दिशाओं का भाग इधर बाघ दिखाई देते हैं ।
हिमालय में 2,100 उंचीपर और सिक्किम में 3,600 इतने उंचाई पर भी बाघ रहता हैं । पर वो ज्यादा से ज्यादा 600 से 700 मी उंचाई के भागों में ही देखने को मिलता हैं । बाघ को हरे-भरे जंगल में रहना बहोत पसंद हैं और बाघ को रहने के लिये खाना , पिने के लिये पानी और आराम करने के लिये अच्छी जगह इत्यादी चीजों की आवश्यकता होती हैं ।
बाघ के शरीर के बारे में जानकारी –
बाघ की उंची 1 मीटर होती हैं और बाघ के शरीर की लांबी 2 मीटर होती हैं । बाघ का वजन लगभग 250 किग्रॅ इतना होता हैं । मादी बाघ का वजन कम होता हैं । मादी बाघ का वजन लगभग 45 से 50 किग्रॅ इतना होता हैं ।
प्रजनन –
बाघ और बाघीन दो हफ्ते हाथ में रहते हैं । मादी बाघीन एक वक्त पर 1 से 6 बाघों को जन्म देती हैं । गर्भकाल 98 से 109 दिनों का होता हैं । जन्मा हुआ बाघ आंखें बंद किया हुआ होता हैं । उसका वजन 1.5 से 2 किग्रॅ इतना होता हैं । दो सालों के बाद वाघ अकेले घुमने फिरने लगता हैं । बाघों की जननक्षमता 10 सालों की होती हैं ।
जागतिक व्याघ्र दिन –
जागतिक व्याघ्र दिन हर साल 29 जुलै को पुरे जग में मनाया जाता हैं । 29 जुलै 2020 को रशिया में स्थित सेंट पीटर्सबर्ग में आयोजित किये हुए व्याघ्र परिषद में जागतिक व्याघ्र दिन घोषित किया गया ।
व्याघ्र दिन का उद्देश –
इस दिन का उद्देश बाघों के नैसर्गिक अधिवास के संवर्धन के लिए जागतिक पातळीपर कोशिश करना और उसके बारे में जनजागृती करने और वाघों के संवर्धन के लिये आने वाली समस्याओं पर विचार करने का हैं ।
बिसावे शतक के शुरुआत में जगभर 1,00,000 बाघ थें , अब वह संख्या 3062 से 3948 इतनी होने का अंदाज हैं । इसमें से लगभग 2000 बाघ उपखंड में हैं । इसलिए इस दिन का महत्त्व भारत के लिये विशेष हैं । बाघों की संख्या जल्दी से कम होने का कारण नैसर्गिक अधिवास नष्ट होना यह हैं ।
सरकारी स्तर पर जागतिक व्याघ्र दिन पर बहोत कार्यक्रम आयोजित करते हैं । और व्याघ्र संवर्धन के लिए कार्य करने वाली स्वयंसेवी संस्था भी इस दिन पर जनजागृती का कार्यक्रम करती हैं ।
इस साल प्रतिनिधियोंने यह घोषित किया हैं की 2022 साल तक जिन जिन देशों में बाघ हैं वह देश बाघों की संख्या दुप्पट होने के लिये प्रयास करेंगे ।
आंतरराष्ट्रीय व्याघ्र दिन की थीम और महत्त्व –
आंतरराष्ट्रीय व्याघ्र दिन हर साल ” उनका अस्तित्व हमारे हात में हैं । ” इस घोषणासे और थीमसे मनाया जाता हैं । बाघों की कम होती हुई संख्या और पुरे जगत में बाघों का संवर्धन करने का मुख्य उद्दिष्ट हैं । जागतिक वन्यजीव निधी ( WWF ) के अनुसार जागतिक स्तर पर सिर्फ 3900 इतने ही वाई हैं । 20 वे शतक के शुरुआत में ही बाघों की संख्या कम होने की शुरुआत हुई। इसका मुख्य कारण शिकार हैं ।
बाघ के बारे में रोचक जानकारी –
- बाघ के समुह को AMBUSH और STREAR कहा जाता हैं ।
- बाघ 65 किलोमीटर प्रतिघंटा भाग सकते हैं । और 6 किलोमीटर पानी में तैर सकते हैं । बाघ 20 फुट दुर तक छलांग लगा सकते हैं और 12 फुट उपर छलांग लगा सकते हैं ।
- एक बाघ ३० किलो तक मास खा सकता हैं ।
- बाघ के पैर इतने मजबुत होते हैं की उसके मृत्यु के बाद भी वह कहीं बार खड़े रह सकते हैं ।
- बाघ तिसरे नंबर का सबसे मांसाहारी प्राणी हैं ।
- जितने बाघ जंगल में देखने को मिलते हैं उतने ही बाघों को मनुष्य भी पालते हैं ।
- बाघ यह एक बिल्लियों के जातीयों में ही सबसे बड़ी प्रजाती हैं ।
- बाघ के मेंदु का वजन 300 ग्राम होता हैं ।
- बाघ का आवज 3 किमी दूर तक भी सुनाई देता हैं ।
- बाघ के उपर के दांत 10 सेंटिमीटर के होते हैं ।
- पुरी दुनिया में 70 % बाघ भारत में हैं ।
- बाघ दुनिया में आने के बाद एक हप्ता अंध होता हैं ।
- बाघ को रात में देखने की क्षमता ज्यादा होती हैं ।
हमने आपको आज की इस पोस्ट में हमारे राष्ट्रीय प्राणी बाघ के बारे में जानकारी दी । अगर आपको हमारी यह पोस्ट अच्छी लगी तो शेयर जरुर किजीए । धन्यवाद !