Sachin Tendulkar Biography Hindi सचिन तेंदुलकर एक महान बल्लेबाज जिसने पूरी दुनियाँ में नाम कमाया और देश को पहचान दिलाई। सचिन एक महान खिलाड़ी होने के साथ साथ एक अच्छे इंसान भी हैं। क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन ने अपनी मेहनत लगन से देश विदेश में अपने काम का लोहा मनवाया है।
मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर का जीवन परिचय Sachin Tendulkar Biography Hindi
साधारण परिवार में जन्मे सचिन ने 11 साल की उम्र से क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था, और मात्र 15 साल में वे मुंबई क्रिकेट टीम में शामिल हो गए थे। सिर्फ 16 साल की उम्र में सचिन इंडिया के सबसे कम उम्र के टेस्ट क्रिकेटर बन गए थे। सचिन ने अपने पुरे क्रिकेट के करियर में अनेकों रिकॉर्ड तोड़े और नए बनाये। भारत के अलावा विदेश में भी सचिन के दीवाने है।
क्रिकेट प्रेमी लोग इनको भगवान की तरह पूजते है, घर में इनकी फोटो लगाकर आरती करते, सचिन के जन्म दिन पर जगह जगह पर आरती पूजा भंडारे, मिठाई वितरण करवाते है। 2005 में सचिन पहले क्रिकेटर बन गए जिन्होंने टेस्ट सीरीज में 35 सेंचुरी लगाई। सचिन ने 2013 तक खेला फिर उसके बाद क्रिकेट के करियर से सन्यास ले लिया।
महान लोग अक्सर कुछ ऐसा कह जाते हैं जो किसी की ज़िन्दगी को बदल सकता हैं।
सचिन तेंदुलकर का आरंभिक जीवन:
सचिन का जन्म 24 अप्रैल 1973 को मुंबई में एक मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था, वे चार भाई बहनों में सबसे छोटे थे। सचिन के पिता रमेश तेंदुलकर लेखक व प्रोफेसर थे, व उनकी माता रजनी इंश्योरेंस कंपनी में काम किया करती थी। रजनी तेंदुलकर ने सचिन का नाम फेमस म्यूजिक डायरेक्टर सचिन देव बर्मन के उपर रखा था, रजनी उन्हें बहुत पसंद करती थी। छोटे से ही सचिन का ध्यान पढाई में नहीं लगता था, वे एक एथलीट की तरह ही रहते थे।
11 साल की उम्र में सचिन ने पहली बार क्रिकेट का बल्ला अपने हाथ में उठाया था, क्रिकेट की तरफ उनकी लगन को उनके बड़े भाई ने पहचाना और उस समय मुंबई में क्रिकेट के कोच रमाकांत अचरेकर से मिलवाया।
कोच ने सचिन की स्किल को पहचाना और उन्हें अपने स्कूल शारदाआश्रम विद्यामंदिर में दाखिला दिया। क्रिकेट के लिए ये टॉप 10 स्कूल में से एक था, जिसने सचिन के साथ साथ और भी बहुत से दिग्गज क्रिकेटर इस दुनिया को दिए। सचिन को उस स्कूल में खेलता देख सबने अंदाजा लगा लिया था कि ये एक दिन बहुत बड़ा प्लेयर बनेगा।
सचिन ने 1988 में उस समय उनके सहपाठी रहे विनोद काम्बली (एक फेमस क्रिकेट प्लेयर) के साथ इंटर स्कूल मैच में 664 रनों की बेहतरीन पारी खेली थी। हाई स्कूल के बाद सचिन ने मुंबई के कीर्ति कॉलेज में दाखिला लिया, जहाँ उनके पिता रमेश तेंदुलकर प्रोफेसर थे।
सचिन तेंदुलकर का क्रिकेट सुपरस्टार बनने का सफ़र:
सचिन के कोच अचरेकर सचिन को सुबह स्कूल जाने से पहले व शाम को स्कूल से आने के बाद क्रिकेट की ट्रेनिंग दिया करते थे। सचिन बहुत मेहनती थे, वे लगातार प्रैक्टिस किया करते थे, जब वे थक जाया करते थे, तब कोच स्टंप में 1 रुपय का कॉइन रख दिया करते थे, जिससे सचिन आगे खेलते रहे। सचिन खेलते रहते थे और पैसे जोड़ा करते थे। 1988 में सचिन ने स्टेट लेवल के मैच में मुंबई की तरफ से खेलकर अपने करियर की पहली सेंचुरी मारी थी। पहले ही मैच के बाद उनका चयन नेशनल टीम के लिए हो गया था और 11 महीनों बाद सचिन ने पहली बार इंटरनेशनल मैच पाकिस्तान के खिलाफ खेला, जो उस समय की सबसे दमदार टीम मानी जाती थी। इसी सीरीज में सचिन ने पहली बार वन डे मैच खेला।
1990 में सचिन ने इंग्लैंड के हिलाफ़ पहला टेस्ट सीरीज खेली, जिसमें उन्होंने 119 रनों की पारी खेली और दुसरे नंबर के सबसे छोटे प्लेयर बन गए जिन्होंने सेंचुरी मारी। 1996 के वर्ल्ड कप के समय सचिन को टीम का कप्तान बना दिया गया। 1998 में सचिन ने कप्तानी छोड़ दी, व 1999 में उन्हें फिर कप्तान बना दिया गया। कप्तानी के दौरान सचिन ने 25 में से सिर्फ 4 टेस्ट मैच जीते थे, जिसके बाद से सचिन ने कभी भी कप्तानी ना करने का फैसला कर लिया।
2001 में सचिन पहले खिलाड़ी बन गए जिन्होंने वन डे मैच में 10000 रन बनाये। 2003 के वर्ल्ड कप में सचिन सबके चहिते बन गए थे, 11 मैचों में 673 रन बनाकर भारत को जीत के करीब लेकर आये थे। वर्ल्ड कप फाइनल में इंडियन टीम की भिड़त ऑस्ट्रेलिया से हुई थी, जो इंडियन टीम हार गई थी, सचिन को मैन ऑफ़ द टूर्नामेंट अवार्ड से नवाजा गया था ,इसके बाद सचिन ने बहुत से मैच खेले, उन्होंने बहुत बुरा समय भी देखा, किसी भी मैच हारने पर सचिन पर तरह तरह के लांचन लगाये जाते थे, मीडिया व सचिन विरोधी लोग बुरी बुरी बातें किया करते थे। इन सब बातों की परवाह ना करते हुए सचिन आगे बढ़ते रहे और 2007 में 11000 टेस्ट रनों का नया कीर्तिमान खड़ा कर दिया।
सचिन 2011 के वर्ल्ड कप में एक बार फिर चमके, उन्होंने सीरीज के दौरान 482 रन बनाये, जिसमें 2 सेंचुरी भी शामिल थी। इंडिया ने फाइनल श्रीलंका के खिलाफ खेला जिसे इंडिया वालों ने जीत लिया। इसी के साथ सचिन का एक बहुत बड़ा सपना पूरा हुआ, सचिन की ये पहली वर्ल्ड कप जीत थी, जिसका सपना उन्होंने कई सालों से देख रखा था। इस वर्ल्डकप में सचिन ने एक और कीर्तिमान बना लिया, सचिन पहले बैट्समैन बन गए जिन्होंने सारे वर्ल्ड कप को मिलाकर 2000 रन बनाये, जिसमें 6 सेंचुरी भी शामिल है। इतना बड़ा मुकाम अभी तक किसी भी क्रिकेट खिलाड़ी ने नहीं पाया है।
दिसम्बर 2012 में उन्होंने वन डे मैच से सन्यास की बात बोली, इसके बाद जनवरी 2013 में सचिन ने क्रिकेट से सन्यास का एलान कर दिया, ये न्यूज़ आते ही उनके चाहने वाले परेशान हो गए और इस फैसले को वापस लेने की मांग करने लगे। सचिन ने अपने क्रिकेट करियर में 34 हजार रन बनाये, जिसमें 100 सेंचुरी भी शामिल है। इतने बड़े मुकाम तक शायद ही कोई प्लेयर पहुँच सकता है।
सचिन अवार्ड्स व अचिवेमेंट्स:
1 ) सचिन पहले प्लेयर थे, जिन्होंने वन डे मैच में डबल सेंचुरी मारी। पहले प्लेयर जिन्होंने इंटरनेशनल क्रिकेट में 100 सेंचुरी मारी।
2 ) सचिन ने अपने नाम वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया था, उन्होंने वन डे व टेस्ट दोनों में सबसे ज्यादा रन व सेंचुरी लगाई। सचिन ने टेस्ट क्रिकेट में 15900 रन व 51 सेंचुरी लगाई, जबकि वन डे मैच में 18426 रन व 49 सेंचुरी लगाई।
3 ) सचिन एक अकेले प्लेयर है जिन्होंने 200 टेस्ट मैच खेले।
4 ) सचिन को 1998 में राजीव गाँधी खेल रत्न से नवाजा गया।
5 ) सचिन को 1999 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया।
6 ) 2008 में सचिन को पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।
7 ) 2014 में सचिन को देश का सबसे बड़ा सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया। पहली बार किसी खिलाड़ी को इतनी कम उम्र में इतने बड़े सम्मान से सम्मानित किया गया।
पर्सनल लाइफ:
सचिन 1990 में डॉक्टर अंजलि से मिले जो उनसे उम्र में बड़ी थी, सचिन और उनका प्यार 5 साल तक चला, जिसके बाद 1995 में दोनों ने शादी कर ली। इनका एक बेटा अर्जुन व बेटी सारा है। सचिन बहुत से एन.जी.ओ. से भी जुड़े हुए है। सचिन 2012 में राज्यसभा के सदस्य चुने गए, और राजनीती में उतर गए।
सचिन जैसे महान विभूति को पाकर भारत देश गर्व महसूस करता है, सचिन के क्रिकेट छोड़ने के बाद भी लोग उनसे उतना ही प्रेम रखते है और उन्हें खेलता हुआ देखना चाहते है। सचिन संगीत में बहुत रूचि रखते है, लता जी उनकी फेवरेट है, जिन्हें वो अपनी बड़ी बहन जैसा मानते है। सचिन को हम उनके उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनायें देते है।
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सचिन तेंदुलकर
सचिन तेंदुलकर में ऐसा क्या खास है?
वह अंतरराष्ट्रीय खेल में 100 शतक (एक पारी में 100 रन) बनाने वाले पहले क्रिकेटर बने।
तेंदुलकर सबसे महान क्यों है?
ऐसे कई कारण हैं जिनकी वजह से तेंदुलकर को क्रिकेट के भगवान की उपाधि दी जाती है। वह क्रिकेट के इतिहास में सबसे सफल बल्लेबाज हैं, जिन्होंने टेस्ट और वनडे में किसी भी अन्य बल्लेबाज की तुलना में अधिक रन और शतक बनाए हैं, कई रिकॉर्ड बनाए हैं और उन्हें खेल के सभी उपलब्ध पुरस्कार दिए गए हैं।
सचिन ने भारत के लिए कितने मैच जीते?
234 एकदिवसीय मैच