रंगपंचमी त्यौहार कि पूरी जानकारी Rangpanchami Festival Information In Hindi

Rangpanchami Festival Information In Hindi हॅलो ! हमारे देश में बहोत त्यौहार मनाये जाते हैं । उन त्यौहारों में से एक रंगपंचमी का त्यौहार है ‌। हम इस पोस्ट में रंगपंचमी त्यौहार के बारे में जानकारी लेने वाले हैं । हमारे देश में होली के पांचवें दिन मतलब चैत्र कृष्ण पंचमी को रंगपंचमी का त्यौहार बहोत धुमधाम से मनाया जाता हैं ।‌ महाराष्ट्र , गुजरात और मध्यप्रदेश में यह त्यौहार बहोत धुमधाम से मनाया जाता हैं । रंगपंचमी के दिन एक दूसरे के शरीर पर रंग लगाया जाता हैं । यह त्यौहार बुराई पर अच्छाई के जीत का प्रतीक हैं । रंगपंचमी होली त्यौहार का ही एक भाग हैं । देश के अलग-अलग हिस्सों में रंगपंचमी का त्यौहार अलग-अलग तरीके से मनाया जाता हैं ।

Rangpanchami Festival Information In Hindi

रंगपंचमी त्यौहार कि पूरी जानकारी Rangpanchami Festival Information In Hindi

रंगपंचमी का त्यौहार क्यों मनाया जाता हैं –

ऐसी मान्यता हैं की इस दिन भगवान कृष्ण ने राधा के साथ होली खेली थी । इस दिन भगवान कृष्ण और राधा की मुख्य रूप से पूजा की जाती हैं । ऐसी मान्यता हैं की इस दिन भगवान कृष्ण ने गोपियों के साथ रासलीला रचाई थी और दूसरे दिन रंग खेलने का उत्सव मनाया था । रंगपंचमी की एक अन्य मान्यता हैं की होलाष्टक के दिन भगवान शिव ने कामदेव को भस्म किया था । उस वक्त पूरे देवलोक में उदासी हो गई थी । उस वक्त सारे देवी – देवता चिंतित हो गये थे ।

उनके मन में विचार चल रहा था की बिना कामदेव के किस तरह संसार चलाया जाए । तब सभी देवी – देवताओं ने भगवान शिव से प्रार्थना की। भगवान शिव ने उनकी प्रार्थना स्वीकार की और जीवीत होने का आश्वासन दिया। इसके बाद सभी देवी – देवता आनंदित हो गये और रंगोत्सव मनाने लगे। उस वक्त से हर साल चैत्र मास की कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथी को रंगपंचमी का त्यौहार मनाया जाता है।

ऐसी मान्यता है कि इस दिन हवा में रंग और अबीर उड़ाने से वातावरण में सकारात्मकता फैलती है । इसका सकारात्मक प्रभाव व्यक्ती के जीवन पर पड़ता है । ऐसा माना जाता है कि इससे लोगों के पाप नष्ट हो जाते हैं। मान्यता के अनुसार इस दिन पवित्र मन से पूजा पाठ करने से देवी – देवता भक्तों को आशीर्वाद देने आते हैं और इस दिन पूजा पाठ करने से कुंडली के बड़े दोष भी दूर किए जा सकते हैं।

रंग पंचमी किस जगह पर कैसे मनाई जाती हैं –

1 ) महाराष्ट्र –

महाराष्ट्र में रंगपंचमी बहुत धूमधाम से मनाई जाते हैं। महाराष्ट्र में कई जगहों पर होली के दूसरे दिन रंग पंचमी का त्यौहार मनाते हैं और कई जगहों पर होली के बाद पंचमी के दिन रंगपंचमी का त्यौहार मनाते हैं। इस दिन कुछ लोग सूखे रंगों से होली खेलते हैं तो कुछ लोग पानी में रंग मिलाकर होली खेलते हैं।

इस दिन गुब्बारे में रंग का पानी भरकर भी एक-दूसरे के शरीर पर फेंककर फोड़े जाते हैं। रंगपंचमी के दिन महाराष्ट्र में पूरनपोली बनाई जाती है । महाराष्ट्र में मछुआरों के लिए रंगपंचमी का त्यौहार बहोत महत्वपूर्ण होता है। इन मछुआरों की बस्ती में संगीत के जैसे कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है ।

2 ) मध्यप्रदेश –

मध्यप्रदेश में रंग पंचमी का त्योहार बहोत धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन मध्य प्रदेश में जुलूस निकाला जाता है। इस दिन मध्यप्रदेश में लोग एक दूसरे के शरीर पर सुगंध और रंग से बनाया हुआ जल उड़ाते हैं । इस दिन जगह-जगह सांस्कृतिक उत्सव मनाया जाते हैं। इंदौर में भी रंग पंचमी के त्यौहार का विशेष आयोजन किया जाता है। इंदौर में इस दिन जुलूस का आयोजन किया जाता है। पूरे देश में इंदौर की रंगपंचमी बहोत प्रसिद्ध है।

3 ) राजस्थान –

राजस्थान में जैसलमेर मंदिर में रंगपंचमी के दिन विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता हैं । इस दिन जैसे मंदिर में लोकनृत्य का कार्यक्रम भी होता हैं । राजस्थान में रंगपंचमी के दिन लाल , नारंगी और फिरोजी रंग हवा में उडाये जाते हैं ।

4 ) उत्तरप्रदेश –

उत्तरप्रदेश में भी होली धुमधाम से मनाई जाती हैं । उत्तरप्रदेश में मथुरा , वृंदावन और बरसाने की लट्ठमार होली पूरे विश्व में प्रसिद्ध हैं । रंगपंचमी के दिन बाराबंकी में सूफी संत हाजी वरिश अली शाह की दरगाह में भी होली खेली जाती हैं । इस जगह पर हिंदू – मुस्लिम लोग मिलकर एक दूसरे के साथ होली खेलते हैं और यह त्यौहार धुमधाम से मनाते हैं । इस दिन उत्तरप्रदेश में बेसन की सेंव और दहीबड़े बनाये जाते हैं । उत्तरप्रदेश में इस दिन भांग और थंडाई जैसे पेय भी पिये जाते हैं । कुछ लोग इस दिन खीर – पूड़ी , पूडे़ यह व्यंजन भी बनाते हैं ।

5 ) छत्तीसगढ़ –

छत्तीसगढ़ में लगभग 300 सालों से भी अधिक समय से लट्ठमार होली की परंपरा चली आ रही हैं । छत्तीसगढ़ में जांजगीर से 45 किलोमीटर की दूरी पर पंतोरा गांव में हर साल रंगपंचमी के दिन कुंवारी लड़कीयां गांव में घुमती है और पुरुष दिखने पर उनके उपर लाठियां बरसाती हैं । कोई भी सरकारी कर्मचारी हो या पुलिस हो इस गांव में इस दिन लडकीया हर पुरुष पर लाठीया बरसाती हैं । इस दिन गांव में इधर उधर फिरने वाले पुरुषों को लाठीयों से मार खानी पड़ती हैं ।

रंगपंचमी के दिन इन बातों का ध्यान रखें –

1 ) रंगपंचमी के दिन घर के बाहर होली खेलें । घर के अंदर होली खेलने से घर गंदा हो जायेगा ।

2 ) इस दिन पुराने या गहरे रंग के कपड़े पहने ।

3 ) रंगपंचमी के दिन सुखे रंग का उपयोग करना अच्छा होता हैं ।

4 ) रंगपंचमी के दिन गुब्बारे में पानी भरकर एक दूसरे पर नहीं फोड़ने चाहिए ।

5 ) होली खेलने से पहले तेल को शरीर पर और बालों पर लगाना चाहिए क्योंकी रंग आसानी से निकल सके ।

हमने इस पोस्ट में रंगपंचमी के बारे में जानकारी ली । हमारी यह पोस्ट शेयर किजीए । धन्यवाद !

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रंगपंचमी क्यों मनाई जाती?

इससे देवलोक के सभी देवता मायूस हो गए थे। लेकिन देवी रति और देवताओं की प्रार्थना पर भगवान शिव ने कामदेव को एक बार फिर से जीवित कर दिया। इसके बाद सभी देवी-देवता प्रसन्न हुए और इस खुशी के मौके को मनाने के लिए रंगोत्सव मनाने लगे। तब से हर साल होली के बाद पंचमी तिथि को रंग पंचमी का त्योहार मनाया जाता है।


रंग पंचमी के पीछे की कहानी क्या है

एक सिद्धांत यह है कि रंग पंचमी शुरू में वसंत और नई फसल के मौसम का स्वागत करने के तरीके के रूप में मनाई जाती थी। ऐसा कहा जाता है कि यह त्यौहार किसानों के लिए सर्दियों के अंत और वसंत ऋतु की शुरुआत का जश्न मनाने का समय था जब वे अपनी फसलें बो सकते थे।


रंग क्यों लगाया जाता है?

मान्यता है कि रंग लगाने की परंपरा भगवान कृष्ण से शुरू हुई थी. मां के सुझाव पर कान्हा ने राधा को रंग लगा दिया था. ताकि राधा का रंग भी कान्हा जैसा हो जाए. बस तभी से रंग लगाने की परंपरा शुरू हुई

रंगों के त्योहार पर क्या होता है?

रंगों के त्यौहार’ के तौर पर मशहूर होली का त्योहार फाल्गुन यानि की मार्च के महीने में पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है। तेज संगीत के बीच एक दूसरे पर रंग और पानी फेंका जाता है। भारत के अन्य त्यौहारों की तरह होली भी बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। माता सती के आत्म-दाह के बाद भगवान शिव चिरकाल के लिए साधना में चले गए थे।

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