Ram Navami Festival Information In Hindi हॅलो ! आज की पोस्ट में हम रामनवमी के बारे में जानकारी लेने वाले हैं । रामनवमी का त्यौहार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाया जाता हैं । यह त्यौहार अप्रैल या मई महिने में आता हैं । रामनवमी का त्यौहार भगवान राम के जन्मोत्सव के तौर पर मनाया जाता हैं । यह त्यौहार पूरे भारत में बहोत बहोत उत्साह से मनाया जाता हैं । यह त्यौहार भारत के अलावा दुनिया के अन्य हिस्सों में भी हिंदू लोगों द्वारा मनाया जाता हैं ।इस दिन भगवान राम की पूजा और भगवान राम के लिए व्रत रखते हैं । यह दिन हिंदू लोगों के लिए बहोत ही शुभ होता हैं । यह त्यौहार भारत के अलावा दुनिया के अन्य हिस्सों में भी हिंदू लोगों द्वारा मनाया जाता हैं ।
रामनवमी त्यौहार कि पूरी जानकारी Ram Navami Festival Information In Hindi
रामनवमी क्यों मनाई जाती हैं –
शास्त्रों के अनुसार , ऐसी मान्यता हैं की भगवान विष्णु के सातवें अवतार भगवान राम ने त्रेतायुग में जन्म लिया था । भगवान राम का जन्म चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को हुआ था । भगवान राम ने अत्याचारों को समाप्त करने के लिए और अधर्म का नाश करके धर्म की स्थापना करने के लिए जन्म लिया था । शास्त्रों के अनुसार ऐसी मान्यता हैं की , भगवान राम ने लंका पर विजय की प्राप्ती के लिए माता दुर्गा की उपासना की थी । इसलिए चैत्र नवरात्री के बाद रामनवमी मनाई जाती हैं ।
रामनवमी का इतिहास –
रामनवमी का त्यौहार हजारों वर्षों से मनाया जा रहा हैं । अयोध्या के राजा दशरथ की तीन पत्नीयां थी , लेकिन बहोत समय के बाद भी कोई भी पत्नी गर्भवती नहीं हुई थी । इसलिए राजा दशरथ बहोत ही परेशान थे । राजा दशरथ को पुत्र प्राप्ती के लिए ऋषि वशिष्ठ द्वारा पुत्रकामेष्टी यज्ञ करने का विचार दिया गया था ।
इसके बाद राजा दशरथ ने अपने जमाई महर्षी ऋष्यश्रृंग के साथ यज्ञ किया । इसके बाद एक दिव्य पुरुष हाथ में खीर की कटोरी लेकर यज्ञकुंड से बाहर आ गया । यह खीर का का कटोरा यज्ञ समाप्त होने के बाद महर्षी ऋष्यश्रृंग ने राजा दशरथ की तीन पत्नीयों को खाने के लिए दिया । खीर खाने के बाद तीनों राणीयां गर्भवती हो गई ।
नौ महिला के बाद राजा दशरथ की सबसे बड़ी पत्नी कौशल्या को एक पुत्र हुआ । यह पुत्र भगवान विष्णु के सातवें अवतार भगवान राम थे । कैकेयी ने भरत और माता सुमित्रा ने लक्ष्मण और शत्रुघ्न को जन्म दिया । माता कौशल्या के पुत्र भगवान राम ने पृथ्वी पर दृष्ट प्राणियों का संहार करने के लिए और अत्याचारों को समाप्त करने के लिए जन्म लिया था ।
भगवान विष्णु ने भगवान राम के रूप में जन्म क्यों लिया था –
भगवान राम के जन्म की कहानी लंकापती रावण से जुड़ी हुई है । कथाओं के अनुसार रावण अपने राज्यकाल में जनता पर बहोत अत्याचार करता था । रावण के अत्याचारों से जनता बहोत परेशान हो गई थी । भगवान विष्णु ने रावण को अमर होने का वरदान दिया था । इसलिए जनता परेशान होकर भगवान विष्णु के पास विनंती करने गई । इसलिए भगवान विष्णु ने अयोध्या के राजा दशरथ और राणी कौशल्या के पुत्र भगवान राम के रूप में जन्म लिया ।
रामनवमी कैसे मनाई जाती है –
रामनवमी भारत में हिंदू लोगों द्वारा बहोत उत्साह से मनाई जाती है । भारत के बाहर भी कुछ क्षेत्रों में जिधर हिंदू लोग रहते हैं उधर भी रामनवमी का त्यौहार उत्साह से मनाया जाता हैं । रामनवमी के दिन सुबह से राम मंदिर में लोगों की दर्शन के लिए लाइन लग जाती हैं ।
लोग फुल , मिठाईयां और अन्य पूजा की सामग्री लेकर भगवान राम के दर्शन करने के लिए जाते हैं । इस दिन राम मंदिर में भजन और कथा का आयोजन किया जाता हैं । सभी लोग साथ में भगवान राम के भजन और कथा सुनते हैं । रामनवमी के दिन अयोध्या में मेलों का आयोजन भी किया जाता हैं ।
बहोत लोग अयोध्या जाकर सरयू नदी में स्नान करते हैं । इस दिन सरयू नदी में स्नान करने से पूण्य की प्राप्ती होती हैं । इस दिन बहोत लोग व्रत रखते हैं । ऐसी मान्यता हैं की इस दिन व्रत रखने से सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं ।
इस दिन बहोत जगहों पर रामचरित मानस का पाठ होता है । रामनवमी के दिन मंदिर में भगवान राम की मूर्ती को पालने में बिठाकर झुलाया जाता हैं ।
इसके बाद भगवान राम की आरती करके भगवान राम को भोजन का भोग लगाया जाता हैं । कुछ क्षेत्रों में लोगों के लिए भोजन का आयोजन किया जाता हैं । शाम के समय सभी लोग मिलकर भगवान राम की पालखी निकालते हैं । इस तरह से रामनवमी धुमधाम से मनाई जाती हैं ।
रामनवमी का महत्व –
रामनवमी हिंदू लोगों के लिए महत्वपूर्ण दिन है । इस दिन भगवान राम का जन्म हुआ था । भगवान राम की उपासना करने से पहले लोग अयोध्या की सरयू नदी में स्नान करते हैं । इसके बाद भगवान राम की उपासना करते हैं । ऐसी मान्यता है की इस दिन जो व्यक्ती बहोत श्रद्धा और भक्ती भाव से भगवान राम की पूजा और व्रत करता हैं उसकी सभी मनोकामना पूरी हो जाती हैं ।
ऐसी मान्यता हैं की सरयू नदी में भगवान राम ने सारे पाप हर लेने की शक्ती दी हैं । इसलिए लोग इस दिन सरयू नदी में स्नान करते हैं । रामनवमी के दिन उपवास करने से पापों का नाश हो जाता हैं । ऐसी मान्यता हैं की जो रामनवमी की कथा सुनता है और पढ़ता है वह बुद्धीमान , किर्तीमान और सुखी होता है । ऐसा कहा जाता हैं की राम नाम का बहोत महत्त्व है । राम नाम पाप धोने में मदद करता हैं ।
इस पोस्ट में हमने रामनवमी के बारे में जानकारी ली । हमारी पोस्ट शेयर जरुर किजीए । धन्यवाद !
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