PV Sindhu Biography in Hindi ओलंपिक गेम्स में भारत का नाम ऊँचा करने वाली बेटियों में से एक नाम हैं पी. वी. सिंधु का भी शामिल है. वह भारत की पहली भारतीय महिला हैं, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक गेम में सिल्वर मैडल जीता हैं और इसी के साथ वे भारत की पांचवी महिला ओलंपिक मेडलिस्ट बन गयी हैं. पीवी सिंधु का सफलता की कहानी काफी प्रेरणादायक है, अपने त्याग, सर्मपण, हौसले, जुनून और जज्बे की बदौलत आज वे सफलता के इस शिखर तक पहुंची हैं।
बैडमिंटन वर्ल्ड चैम्पियन पीवी सिंधु की जीवनी PV Sindhu Biography in Hindi
पीवी सिंधु की जीवनी
पीवी सिन्धु का जन्म एक तेलगु परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम पी.वी. रमण और माता का नाम पी. विजया था. हालंकि उनके माता पिता दोनों ही माजी वॉलीबॉल खिलाडी थे। 2000 में रमण को अपने खेल के लिये अर्जुन अवार्ड से भी सम्मानित किया गया था। 8 साल की उम्र से ही बैडमिंटन खेलना शुरू कर दिया था। पी. व्ही. सिन्धु ने पहले महबूब अली के प्रशिक्षण में इस खेल की मुलभुत जानकारियाँ हासिल की और सिकंदराबाद के भारतीय रेल्वे के इंस्टिट्यूट में ही उन्होंने अपने प्रशिक्षण की शुरुवात की। आज जिस मुकाम पर पीवी सिन्धु पहुची है, वो अपनी लगन और मेहनत के बलबूते पर हुआ है.
शुरूआती प्रशिक्षण [Initial Trainings] -:
सिंधु ने बैडमिंटन सीखने की शुरुआत सिकंदराबाद में इंडियन रेल्वे इंस्टिट्यूट ऑफ़ सिग्नल इंजीनियरिंग एंड टेलीकम्यूनिकेशन में मेहबूब अली की देखरेख में की. इसके बाद उन्होंने पुलेला गोपीचंद की बैडमिंटन अकादमी में दाखिला लिया. हालांकि उनके कोच पुलेला गोपीचंद कहा था कि वे कभी भी हार नहीं मानती और कोशिश करती रहती हैं.
करियर [Career] -:
साल 2009 में कोलोंबो में हुए सब – जूनियर एशियन बैडमिंटन चैंपियनशिप में सिंधु ने अपने दम पर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ब्रोंज मेडलिस्ट बन कर भारत का नाम शिखर पर पहुंचा दी.
साल 2010 में ईरान फज्र इंटरनेशनल बैडमिंटन चैलेंज में सिंगल्स केटेगरी में उन्होंने सिल्वर मैडल जीता. इसी वर्ष मेक्सिको में हुए जूनियर वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियनशिप में सिन्धु अपनी म्हणत की वजह से न सिर्फ सेमी फाइनल बल्कि फाइनल तक का रास्ता साफ कर लिया था.
वर्ष 2012 -:
- 14 जून, 2012 को जर्मनी की Juliane Schenk से इंडोनेशिया ओपन में हार का सामना करना पड़ा.
- 7 जुलाई, 2012 को उन्होंने जापानी खिलाड़ी Nozomi Okuhara को फाइनल में हराया और एशिया यूथ अंडर 19 चैंपियनशिप जीती.
- चाइना मास्टर सुपर सीरीज़ टूर्नामेंट में लंदन 2012 में चाइना की ओलंपिक्स गोल्ड मेडलिस्ट Li Xuerui को हराकर सबको चौंका दिया.
- इस वर्ष वे अपने खेल प्रदर्शन के द्वारा अपने करियर की बेस्ट रेंकिंग 15 पर पहुँच गयी थी.
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वर्ष 2013 -:
- सिंधु ने चाइनीज़ खिलाड़ी Wang Shixian को वर्ल्ड चैंपियनशिप में हरा कर भारत की पहली वोमेन्स सिंगल मेडलिस्ट बनी.
- अपने बेहतरीन प्रदर्शन के लिए उन्हें भारत सरकार द्वारा अर्जुन अवार्ड से भी सम्मानित किया गया.
साल 2014 -:
- वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियनशिप में लगातार 2 मैडल जीतने पर उन्होंने इतिहास रच दिया और वे ऐसी पहली भारतीय बनी.
साल 2016 -:
- जनवरी, 2016 में मलेशिया मास्टर्स ग्रैंड प्रिक्स गोल्ड वोमेन्स सिंगल जीता.
- प्रीमियर बैडमिंटन लीग में चेन्नई समशेर टीम की सिंधु कप्तान बनी और 5 मैच जीते और टीम को सेमीफाइनल में पहुँचाया, परन्तु यहाँ उनकी टीम देल्ही एसर्स से हार गयी.
- 18 अगस्त, 2016 को समर ओलंपिक्स में जापान की Nozomi Okuhara को वोमेन्स सिंगल में हराया.
- सिंधु ने सिल्वर मैडल जीता और वे देश की सबसे कम उम्र वाली मैडल विजेता खिलाड़ी बनी.
सम्मान :
पद्म श्री, द यूथ हाईएस्ट सिविलियन अवार्ड ऑफ़ इंडिया [वर्ष 2015]
• अर्जुन अवार्ड [2013]
• FICCI ब्रेकथ्रू स्पोर्ट्स पर्सन ऑफ़ द ईयर 2014
• NDTV इंडियन ऑफ़ द ईयर 2014
• वर्ष 2015 में मकाऊ ओपन बैडमिंटन चैंपियनशिप जीतने के बाद बैडमिंटन एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया की ओर से 10 लाख रूपये दिए गये.
• वर्ष 2015 में मकाऊ ओपन बैडमिंटन चैंपियनशिप जीतने के बाद बैडमिंटन एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया की ओर से 10 लाख रूपये दिए गये.
अन्य सम्मान [Others] -:
- FICCI ब्रेकथ्रू स्पोर्ट्स पर्सन ऑफ़ द ईयर 2014,
- NDTV इंडियन ऑफ़ द ईयर 2014,
- वर्ष 2015 में मकाऊ ओपन बैडमिंटन चैंपियनशिप जीतने के बाद बैडमिंटन एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया की ओर से 10 लाख रूपये दिए गये.
- वर्ष 2016 में मलेशिया मास्टर्स में जीतने के बाद बैडमिंटन एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया की ओर से 5 लाख रूपये दिए गये [वर्ष 2016 के रिओ ओलंपिक में जीतने पर.]
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पीवी सिंधु कौन से राज्य की है?
आंध्र प्रदेश
पीवी सिंधु ने कितनी बार वर्ल्ड कप जीता?
पांच पदक
पीवी सिंधु की सैलरी कितनी है?
ऑन फील्ड 82 लाख रुपये की कमाई की, वहीं ऑफ फील्ड से 57.8 करोड़ रुपये कमाए.
पीवी सिंधु क्यों प्रसिद्ध है?
पुसरला वेंकट सिंधु (जन्म 5 जुलाई 1995) एक भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी हैं। भारत के सबसे सफल खिलाड़ियों में से एक मानी जाने वाली सिंधु ने ओलंपिक और बीडब्ल्यूएफ सर्किट जैसे विभिन्न टूर्नामेंटों में पदक जीते हैं, जिसमें 2019 विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक भी शामिल है।