नटराजन चंद्रशेखरन के सफ़लता की कहानी Natarajan Chandrasekaran Success Story In Hindi

Natarajan Chandrasekaran Success Story In Hindi देश की सबसे बड़ी इम्प्लॉयर TCS के CEO नटराजन चंद्रशेखरन टाटा सन्स के नए चेयरमैन बनेंगे। चंद्रशेखरन को एक ऐसे आदमी के तौर पर जाना जाता है जिन्होंने 30 हज़ार करोड़ कैपिटल वाली TCS को 1 लाख करोड़ की कंपनी बना दिया। चंद्रशेखरन का टाटा के साथ सफर 30 साल पहले शुरू हुआ था और वो एक इम्‍प्‍लॉई बनकर TCS से 1987 में जुड़े थे। अब वह टाटा संन्स के 149 साल बाद पहले गैर-पारसी चेयरमैन बने हैं। बता दें कि पिछले चेयरमैन साइरस मिस्त्री को बीते साल अक्टूबर में हटाया गया था।

Natarajan Chandrasekaran Success Story In Hindi

नटराजन चंद्रशेखरन के सफ़लता की कहानी Natarajan Chandrasekaran Success Story In Hindi

चंद्रशेखरन तमिलनाडु के मोहनुर से हैं और एक बेहद ही सामान्य किसान परिवार में साल 1963 में पैदा हुए थे। चंद्रशेखरन नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नॉलजी त्रिची से कंप्यूटर एप्लीकेशन में मास्टर डिग्री होल्डर हैं।

चेयरमैन चुने जाने के बाद चंद्रशेखरन ने कहा, ‘बोर्ड और मिस्टर रतन टाटा ने मुझ पर जो भरोसा जताया, उसके लिए मैं शुक्रगुजार हूं। टाटा ग्रुप में इतने बड़े पद पर पहुंचना सम्‍मान की बात है। टाटा सन्स एक रिच हेरिटेज वाला ग्रुप है। आम आदमी कहता है कि टाटा तो हमारी कंपनी है। गर्व है कि 30 साल से इसका हिस्सा हूं। हम शेयरहोल्‍डर्स के हितों का खास ध्‍यान रखेंगे।’ चंद्रशेखरन ने कहा, ‘टाटा ग्रुप लोगों के दिल में है। इसलिए ये बहुत बड़ी जिम्मेदारी है।

इसे निभाने के लिए लीडरशिप क्वॉलिटीज की जरूरत होगी। इसके लिए बहुत सारे लोगों की मदद की भी जरूरत होगी। मुझे इस जिम्मेदारी को समझने में कुछ वक्त लगेगा। इसके लिए मुझे सबकी मदद की जरूरत होगी। ये एक कलेक्टिव लीडरिशप है। जिन उसूलों पर टाटा ग्रुप खड़ा है, मेरी कोशिश उन्हें बनाए रखने और ग्रुप को आगे ले जाने की होगी।’

गौरतलब है कि चंद्रशेखरन ने 2009 में सीईओ और एमडी के तौर पर टीसीएस की कमान संभाली थी। उन्‍होंने अपनी लीडरशिप में 30,000 करोड़ रुपए इनकम वाली टीसीएस को 1 लाख रुपए इनकम वाली कंपनी बना दिया। तब से लेकर अब तक उन्‍होंने न सिर्फ कंपनी को सफलता की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया, बल्कि निजी स्‍तर पर भी उन्‍होंने बिजनेस वर्ल्‍ड में अपनी एक अलग पहचान बनाई। उनकी लीडरशिप में कंपनी का प्रॉफिट भी तीन गुना बढ़ा। उनकी लीडरशिप में टीसीएस का मुनाफा 7,093 करोड़ रुपए से बढ़ कर 24,375 करोड़ रुपए हो गया। टाटा ग्रुप के इनकम में टीसीएस का योगदान 70 फीसदी है।

चंद्रशेखरन के पास इंटरनेशनल लेवल पर भी काम करने का अनुभव है। टीसीएस के सीईआ के तौर पर उन्‍होंने जानी मानी ग्‍लोबल कंपनियों को क्‍लाइंट के तौर हैंडल किया है जिनमें जीई, जेपी मोर्गन, वाल मार्ट, होम डेपॉट, इलेक्‍ट्रॉनिक आर्ट्स जैसी कंपनियां शामिल हैं। टीसीएस में अपने बेहद बिजी शेडयूल के बावजूद एन चंद्रशेखरन आईटी इंडस्‍ट्री के लीडर बन कर उभरे थे। 2012 में इंडस्‍ट्री लॉबी ग्रुप नैस्‍कॅाम के चेयरमैन के तौर पर चंद्रशेखरन ने आईटी इंडस्‍ट्री का विजन 2020 तैयार किया था।

एन चंद्रशेखरन ने टीसीएस के सीईओ और एमडी के तौर पर काम करते हुए खुद को काबिल लीडर साबित किया। इसके लिए उन्‍होंने पारंपरिक तौर तरीकों से हट कर नए प्रयोग भी किए जो काफी सफल रहे और इसे बाद में दूसरी कंपनियों ने भी अपनाया। उदहारण के लिए उन्‍होंने बड़ी कंपनी को 23 बिजनेस यूनिट में तोड़ दिया। इससे सर्विस डिलीवरी, ऑपरेशन और एग्‍जीक्‍यूशन में आसानी हुई । बाद में उन्‍होंने इस 8 यूनिट मे कंसॉलिडेट किया।

चंद्रशेखरन टीसीएस ई-सर्व लिमिटेड (सिटीग्रुप ग्‍लोबल सर्विसेज) से भी जुड़े रहे। यहां वह नॉन-एक्‍जीक्‍यूटिव चेयरमैन के तौर पर शामिल हुए थे। बाद में वह कंपनी में डायरेक्‍टर बन गए। चंद्रशेखरन नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर एंड सर्विस कंपनीज के चेयरमैन रह चुके हैं। इसके साथ ही वह इस कंपनी की एक्जीक्यूटिव काउंसिल में मेंबर के तौर पर भी शामिल थे।

चंद्रशेखरन फिलहाल 4.61 लाख करोड़ के मार्केट कैप वाली कंपनी टीसीएस को संभालते हैं। यही नहीं, उन्‍होंने कंपनी को अपनी लीडरशिप में रेवेन्‍यू के मामले में काफी आगे पहुंचाया है। पिछले 30 सालों के दौरान वह टीसीएस में कई पदों पर काबिज रहे। 2002 में वह कंपनी में ग्‍लोबल सेल्‍स के हेड बने। इसके बाद 2007 में उन्‍हें एक्‍जी‍क्‍यूटिव डायरेक्‍टर के तौर पर शामिल किया गया। चंद्रशेखरन 6 अक्‍टूबर, 2009 को टीसीएस के सीईओ बने थे। इससे पहले वह कंपनी में चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर के तौर पर काम करते थे।

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