Mahashivratri Festival Information In Hindi हॅलो ! आज की पोस्ट में हम महाशिवरात्री के बारे में जानकारी लेने वाले हैं । महाशिवरात्री का त्यौहार हमारे देश का महत्त्वपूर्ण त्यौहार हैं । हिंदूओं के तैंतीस करोड़ देवी – देवता हैं । इसमें प्रथम स्थान भगवान शिव का हैं । ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव का जन्म हुआ था । इसलिए महाशिवरात्री का त्यौहार मनाया जाता है। कुछ जगहों पर ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। इसलिए महाशिवरात्री का त्यौहार मनाया जाता है ।
महाशिवरात्री त्यौहार कि पूरी जानकारी Mahashivratri Festival Information In Hindi
शिवरात्री का अर्थ होता है शिव की रात । महा शिवरात्री का त्यौहार फाल्गुन माह की कृष्ण चतुर्दशी पर होने वाली शिवरात्री पर मनाया जाता है। इस दिन शिव की पूजा करने का बहुत महत्व होता है।
महाशिवरात्री क्यों मनाई जाती है –
महाशिवरात्री की अलग-अलग ग्रंथों मे अलग-अलग मान्यता मानी गई है। ऐसे कहा जाता है कि भगवान शिव का शुरुआत में केवल निराकार रूप था। ऐसे कहा जाता है कि फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी पर आधी रात को भगवान शिव निराकार रूप से साकार रूप में आए थे। ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव विशाल अग्निलिंग के रूप में प्रकट हुए थे। कुछ ऐसी मान्यता है कि इसी दिन सृष्टी का निर्माण हुआ था और इस दिन भगवान शिव करोड़ों सूर्य के समान तेजस्वी लिंग रूप में प्रकट हुए थे।
ऐसी मान्यता है कि फाल्गुन मास कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी पर सूर्य और चंद्र बहोत नजदीक रहते हैं और इस दिन को चंद्रमा और शिवरूपी सूर्य का मिलन कहा जाता है। इसलिए इस दिन को महाशिवरात्री के रूप में मनाया जाता है । पौराणिक कथा के अनुसार महाशिवरात्री के दिन देशभर बारां ज्योतिर्लिंग प्रकट हुए थे।
सोमनाथ ज्योतिर्लिंग , ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग , मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग , भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग , महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग , केदारनाथ ज्योतिर्लिंग , त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग , विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग , नागेश्वर ज्योतिर्लिंग , वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग , रामेश्वर ज्योतिर्लिंग , घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग यह बारा ज्योतिर्लिंग हैं ।
यह ज्योतिर्लिंगों के प्रकट होने के उत्सव में महाशिवरात्री मनाई जाती है । पौराणिक कथाओं के अनुसार , यह दिन शिव और शक्ति मतलब माता पार्वती के महामिलन का दिन है । इस दिन भगवान शिव और शक्ति का एक दूसरे के साथ विवाह हुआ था । इस दिन कई जगहों पर शिवभक्त भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह संपन्न करते हैं ।
महाशिवरात्री कैसे मनाते हैं –
महाशिवरात्री के दिन लोग सुबह जल्दी उठते हैं और स्नान करते हैं। कई लोग इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करते हैं। स्नान के बाद साफ वस्त्र पहनते हैं । इसके बाद घर के मंदिर में पूजा की जाती है । इस दिन लोग विभिन्न मंत्रों का जाप करते हैं । इस दिन लोग उपवास भी रखते हैं । अगर घर में शिवलिंग हो तो लोग घर में शिवलिंग का अभिषेक करते हैं ।
शिवलिंग को दूध से अभिषेक किया जाता है । इसके बाद शिवलिंग को फूल या बेलपत्र अर्पित किये जाते हैं । इसके बाद लोग भगवान शिव के मंदिर में जाते हैं । मंदिर में जाकर शिवलिंग को दूध और जल से स्नान कराया जाता हैं । इसके बाद शिवलिंग को चंदन का टिका लगाया जाता हैं । इसके बाद शिवलिंग को जल , बेलपत्र और फूल अर्पित किये जाते है ।
इस दिन लोग शिव मंदिर में लिपट जलाते हैं । इस दिन मंदिरों में भगवान शिव की महान पूजा और आरती की जाती हैं । इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की काल्पनिक रूप से शादी की जाती हैं और बारात निकाली जाती हैं । कई जगहों पर लोग नाचते , गाते हैं और यह त्यौहार धूमधाम से मनाते हैं । कुछ जगहों पर इस दिन मेले और जागरण का आयोजन भी किया जाता हैं ।
महाशिवरात्री के दिन क्या करें –
- महाशिवरात्री के दिन शिवलिंग को अभिषेक कराये और शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाये ।
- महाशिवरात्री के दिन गरीबों को भोजन कराये ।
- इस दिन ‘ ॐ नमः शिवाय ‘ मंत्र का जाप करना चाहिए ।
- इस दिन शिवलिंग पर काले तिल चढ़ाने चाहिए या पानी में काले तिल मिलाकर शिवलिंग का अभिषेक कराना चाहिए ।
- इस दिन शिवलिंग पर दूध जरूर चढ़ाना चाहिए ।
- इस दिन बिल्व पत्रों पर चंदन से ‘ॐ नमः शिवाय ‘ लिखकर शिवलिंग पर चढ़ाएं । ऐसी मान्यता हैं की ऐसा करने से इच्छा पूरी हो जाती हैं ।
- इस दिन भगवान शिव को तिल और जौ चढ़ाएं ।
- इस दिन नंदी मतलब बैल को हरा चारा खिलाएं ।
- इस दिन महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से रोग से मुक्ती मिलती हैं ।
- इस दिन भगवान शिव का उपासना और व्रत करें ।
- अगर आपके विवाह में बाधाएं आ रही हैं तो इस दिन शिवलिंग पर दूध में केसर मिलाकर चढ़ाये । ऐसा करने से आपका विवाह जल्दी होने में मदद मिलेगी ।
- इस दिन मछलियों को आटे की गोलियां बनाकर खिलाये ।
- इस दिन शिवमंदिर में दिन और रात में दिपक जलाये ।
- इस दिन जरूरतमंद लोगों को अनाज दान करें । ऐसे करने से पाप का नाश हो जाता हैं और पूण्य की प्राप्ती होती हैं ।
- शिवलिंग को तीन पत्ते वाला अच्छा बेलपत्र अर्पित करें ।
महाशिवरात्री के दिन यह न करें –
- महाशिवरात्री के दिन मांस , शराब , तंबाकू का सेवन नहीं करना चाहिए ।
- इस दिन शिवलिंग को कुमकुम , हल्दी नहीं चढ़ानी चाहिए ।
- महाशिवरात्री के दिन अगर आप ने उपवास रखा है तो उसे बीच में नहीं तोडना चाहिए ।
- महाशिवरात्री के दिन अपने माता – पिता , गुरू , पत्नी या पूर्वजों का अपमान नहीं करना चाहिए ।
- इस दिन मंदिर की चीजें नहीं चुरानी चाहिए ।
- इस दिन किसी की चीज हडपनी नहीं चाहिए ।
- इस दिन किसी भी सज्जन व्यक्ती को परेशान नहीं करना चाहिए ।
- इस दिन सुबह देर तक नहीं सोना चाहिए और इस दिन काले कपड़े नहीं पहनने चाहिए ।
- शिवलिंग पर कभीभी तुलसी की पत्ती नहीं चढ़ानी चाहिए ।
- शिवलिंग को तुटा हुआ , कटा – फटा हुआ या एक – दो पत्तों वाला बेलपत्र नहीं चढ़ाना चाहिए ।
इस पोस्ट में हमने महाशिवरात्री के बारे में जानकारी ली । हमारी यह पोस्ट शेयर जरुर किजीए । धन्यवाद !
यह लेख अवश्य पढ़े –
महाशिवरात्रि मनाने का मुख्य कारण क्या है?
भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह की खुशी में महाशिवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है
महाशिवरात्रि पर क्यों नहीं सोना चाहिए?
जागते रहने और रीढ़ की हड्डी सीधी रखने का अत्यधिक आध्यात्मिक और भौतिक महत्व है
महाशिवरात्रि के पीछे की कहानी क्या है?
पुराणों में महाशिवरात्रि मनाने के पीछे एक कहानी है जिसके अनुसार समुद्र मंथन के दौरान जब देवतागण एवं असुर पक्ष अमृत प्राप्ति के लिए मंथन कर रहे थे, तभी समुद्र में से कालकूट नामक भयंकर विष निकला। देवताओं की प्रार्थना पर भगवान शिव ने भयंकर विष को अपने शंख में भरा और भगवान विष्णु का स्मरण कर उसे पी गए।
महाशिवरात्रि किसका प्रतीक है?
शिव के दिव्य अवतरण का मंगल सूचक पर्व है