Hariyali Festival Information In Hindi हॅलो ! आज की पोस्ट में हम हरियाली तीज के बारे में जानकारी लेने वाले हैं । हरियाली तीज यह त्यौहार श्रावणमास में शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाया जाता हैं । यह त्यौहार महिलाओं द्वारा मनाया जाता हैं । विवाहित स्त्रियाओं के लिए यह त्यौहार बहोत महत्त्वपूर्ण होता है । यह त्यौहार कुमारी लड़कियां , विवाहित युवा और वृद्ध महिलाओं द्वारा मनाया जाता हैं । इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पती के लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं । यह व्रत करवाचौथ व्रत जैसा ही होता हैं । इस त्यौहार पर माता पार्वती और भगवान शिव की आराधना की जाती हैं । यह त्यौहार महिलाओं द्वारा धुमधाम से मनाया जाता हैं ।
हरियाली त्यौहार कि पूरी जानकारी Hariyali Festival Information In Hindi
हरियाली तीज त्यौहार क्यों मनाया जाता हैं –
पौराणिक कथा के अनुसार माता सती ने हिमालयराज के घर पार्वती के रूप में जन्म लिया था । इसके पहले माता सती ने भगवान शिव को पती रूप में पाने के लिए 107 बार जन्म लिया था । 108 वे जन्म में माता पार्वती ने बहोत कठोर तप किये और भगवान शिव को पती रूप में प्राप्त कर लिया ।
108 वे जन्म में माता पार्वती ने बहोत तप किये और उनके यह तप देखकर शिवजी विवश हो गये और श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया के दिन उनके सामने प्रकट हुए और उनका पत्नी रूप में स्वीकार किया । माता पार्वती के पिता उन्हें ढूंढते हुए वन में पहुंचे तब माता पार्वती ने उनके साथ जाने से इंकार कर दिया और कहा की अगर आप मेरा विवाह महादेव के साथ करेंगे तो मैं आपके साथ चलुंगी।
माता पार्वती के पिता को उनकी बात माननी पड़ी और वह उन्हें वापस घर लेकर गये । इसके बाद माता पार्वती और भगवान शिव का विवाह संपन्न हुआ । इसके बाद भगवान शिव ने माता पार्वती से कहा की तुमने मेरी आराधना करके जो व्रत किया , उसके वजह से हम दोनो का विवाह संभव हो सका । आज के बाद जो स्त्री इस व्रत को पूरी निष्ठा से करेगी उसे में मनचाहा फल दुंगा । उस स्त्री को तुम्हारी तरह अचल सुहाग की प्राप्ती होगी । इसलिए इस दिन विवाहित महिलाएं और कुंवारी लड़कियां हरियाली तीज का व्रत करती हैं ।
हरियाली तीज का त्यौहार कैसे मनाया जाता हैं –
हरियाली तीज के व्रत को करवाचौथ से भी कठीन व्रत माना जाता हैं । इस दिन महिलाएं सुबह स्नान करती हैं । उसके बाद महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं और निर्जला व्रत रखती हैं । हरियाली तीज के व्रत के दिन माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा की जाती हैं । इस दिन विवाहित स्त्रियाओं के लिए उनके मायके से श्रृंगार का सामान और मिठाइयां उनके ससुराल में भेजी जाती हैं ।
महिला विधी विधान से पूजा करने के बाद व्रत कथा सुनती हैं । इस दिन महिलाएं हरे वस्त्र , हरी चुनरी पहनती हैं । इस दिन श्रृंगार भी हरे रंग का किया जाता हैं । इस दिन महिलाएं अपने हाथों पर मेहंदी लगाती हैं । हाथों पर मेहंदी लगाने के बाद महिलाएं अपने कुल की वृद्ध महिलाओं से आशिर्वाद लेती हैं ।
इस दिन महिलाओं द्वारा झुला झुलने का भी रिवाज है । नव विवाहित महिलाएं अपना पहला हरियाली तीज का व्रत मायके में मनाती हैं । हरियाली तीज के व्रत के दिन सास और घर के बड़े व्यक्ती नई दुल्हन को वस्त्र , श्रृंगार की सामग्री , हरी चूड़ियां और मिठाइयां भेट देते हैं । इसका उद्देश्य यह होता हैं की दुल्हन का सुहाग सदा बना रहें और वंश की वृद्धी हो ।
हरियाली तीज के व्रत का महत्व –
हरियाली तीज का व्रत विवाहित महिलाओं के लिए बहोत महत्त्वपूर्ण होता है । हरियाली तीज के दिन भगवान शिव माता पार्वती की तपस्या से प्रसन्न हुए थे और उन्होंने माता पार्वती को पत्नी रूप में स्वीकार किया था। माता पार्वती और भगवान शिव का विवाह संपन्न होने के बाद भगवान शिव ने माता पार्वती से कहा था की आज के बाद कोई भी इस दिन तुम्हारी तरह पुरी निष्ठा से व्रत करेगा उसे में मनचाहा फल दुंगा और उसे तुम्हारी तरह अचल सुहाग की प्राप्ती होगी । यह व्रत करने से सौभाग्य की प्राप्ती होती हैं ।
कुंवारी लड़कियां यह व्रत रख सकती हैं या नहीं –
कुंवारी लड़कियां यह व्रत कर सकती हैं । जिस प्रकार माता पार्वती ने तपस्या करके भगवान शिव को प्राप्त किया था उसी तरह कुंवारी लड़कियां भी यह व्रत करके अच्छा जीवनसाथी पा सकती हैं । ऐसी मान्यता हैं की शिवजी ने यह आशीर्वाद दिया था की जो कुंवारी लड़कियां यह व्रत करेगी उसके विवाह की बाधाएं दूर होंगी ।
कुंवारी लड़कियां हरियाली तीज का व्रत कैसे करें –
कुंवारी लड़कियां अगर हरियाली तीज का व्रत करना चाहती हैं तो वह सुबह जल्दी उठकर स्नान करें । इस दिन निर्जला व्रत करना होता हैं । अगर लडकीयां निर्जला व्रत नहीं कर सकती तो वह फल खाकर व्रत करने का संकल्प ले सकती हैं । इस दिन लड़कियों को नये कपड़े पहनकर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करनी चाहिए । इस दिन कुंवारी लड़कियां को शिव मंत्रों का जप करना चाहिए और शिव चालीसा का पाठ करना चाहिए । रात में चंद्रमा को अर्घ्य देकर कुंवारी लड़कियां भोजन ग्रहण कर सकती हैं ।
हरियाली तीज व्रत के दिन क्या करें –
- हरियाली तीज व्रत के दिन महिलाओं को व्रत कथा जरुर सुननी चाहिए ।
- हरियाली तीज व्रत के दिन महिलाओं को अपने मायके से भेजे गए वस्त्र पहनकर पूजा करनी चाहिए । मायके से भेजे गए वस्त्र पहनकर इस दिन पूजा करना अच्छा माना गया है ।
- अपने जीवन में खुशी लाने के लिए महिलाओं को इस दिन अपने पती के साथ झूला झूलना चाहिए ।
- हरियाली तीज व्रत के दिन बड़े लोगों का आदर करना चाहिए ।
हरियाली तीज व्रत के दिन क्या नहीं करें –
- हरियाली तीज के व्रत के दिन महिलाओं को किसी पर भी क्रोध नहीं करना चाहिए ।
- इस दिन महिलाओं को किसी भी प्रकार के नकारात्मक विचार अपने मन में नहीं लाने चाहिए ।
- इस दिन लालच और छल – कपट नहीं करना चाहिए ।
- यह व्रत मुहुर्त के पहले नहीं तोड़ना चाहिए ।
इस पोस्ट में हमने हरियाली तीज के बारे में जानकारी ली । हमारी पोस्ट शेयर जरुर किजीए । धन्यवाद !
यह लेख अवश्य पढ़े –
हरियाली का त्यौहार क्यों मनाते हैं?
भगवान शिव व माता पार्वती की अराधना व उन्हें समर्पित उपवास करने के लिए बेहद पवित्र महीना माना जाता है।
हरियाली त्यौहार कैसे मनाते हैं?
इस दिन महिलाएं पति के लिए उपवास रखकर शिव-गौरी का पूजन-वंदन कर झूला झूलती है और सुरीले स्वर में सावन के गीत-मल्हार गाती हैं।
हरियाली पूजा कब है?
हर साल सावन माह की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज मनाई जाती है
हरतालिका व्रत क्यों रखा जाता है?
सौभाग्यवती स्त्रियां अपने सुहाग को अखण्ड बनाए रखने और अविवाहित युवतियां मन अनुसार वर पाने के लिए हरितालिका तीज का व्रत करती हैं