Gudi Padwa Festival Information In Hindi हॅलो ! आज की पोस्ट में हम गुड़ी पड़वा के बारे में जानकारी लेने वाले हैं । गुड़ी पाड़वा त्यौहार महाराष्ट्र में मनाया जाता हैं । गुड़ी पाड़वा को हिंदू नववर्ष की शुरुआत माना जाता हैं । यह त्यौहार चैत्र माह के पहले दिन मनाया जाता हैं । गुड़ी पाड़वा महाराष्ट्र के साथ साथ आंध्रप्रदेश , गोवा और दक्षिण भारत में भी बहोत उत्साह से मनाया जाता हैं ।
गुड़ी पाड़वा त्यौहार कि पूरी जानकारी Gudi Padwa Information In Hindi
गुड़ी पाडवा को अलग अलग तरीके से मनाया जाता हैं और अलग अलग नामों से जाना जाता हैं । इस दिन हिंदू लोग गुड़ी को घर के प्रवेशद्वार के सामने रखकर पूजा करते हैं और आम के पत्तों का तोरण बनाकर उसे घर के प्रवेशद्वार पर लगाया जाता हैं । इस दिन घर में मीठे पकवान बनाये जाते हैं । गुड़ी पड़वा भारतीय संस्कृती का महत्वपूर्ण त्यौहार है।
गुड़ी पाड़वा त्यौहार क्यों मनाते हैं –
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार , गुड़ी पाड़वा के दिन भगवान ब्रह्मा ने ब्रह्मांड की रचना की थी । ऐसी मान्यता है की इस दिन भगवान ब्रह्मा ने सप्ताह , महीने और वर्षों का परिचय भी दिया था । भगवान राम भी इसी दिन विजय प्राप्त करके अयोध्या लौटे थे । इसलिए यह दिन विजय का प्रतीक भी है । ऐसी भी मान्यता हैं की इस दिन भगवान राम ने दक्षिण के लोगों को बाली के अत्याचारों से मुक्त कराया था ।
गुड़ी पाड़वा कैसे मनाया जाता हैं –
मुख्य रूप से गुड़ी पाड़वा महाराष्ट्र में मनाया जाता है । इस दिन को आंध्रप्रदेश , तेलंगाना और कर्नाटक में उगादी के रूप में मनाया जाता है और देश के कुछ क्षेत्रों में गुड़ी पाड़वा को ‘ चैत्र नवरात्री ‘ के रूप में मनाया जाता हैं । महाराष्ट्र में लोग गुड़ी पाड़वा के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करते है । इसके बाद घर के मंदिर में पूजा की जाती है । इस दिन महाराष्ट्र में घरों के दरवाजों पर फूलों के तोरण लगाये जाते हैं । इस दिन घर के बाहर एक गुडी रखी जाती हैं ।
एक लोटे पर स्वस्तिक बनाकर उसे एक बडी लकडी के दंडे पर कपडा लटकाकर उसके उपर रखा जाता हैं और उसे फूल की माला लगाई जाती हैं । इसके नीचे सुंदर रंगोली बनाई जाती हैं और पूजा की जाती हैं ।
इस दिन महाराष्ट्र में घर फुलों से सजाये जाते हैं और घरों में स्वादिष्ट पकवान बनाये जाते हैं । इस दिन महाराष्ट्र में पूरणपोळी , श्रीखंड , केशरी भात , मिठाई जैसे पकवान बनाए जाते है ।
गुड़ी पाड़वा दक्षिण भारत का भी मुख्य त्यौहार है । दक्षिण भारत में इस त्यौहार को उगादी नाम से जाना जाता है । भारत में उगादी के दिन लोग जल्दी उठकर शरीर पर उबटन और तिल का तेल लगाकर स्नान करते है । इसके बाद कपड़े पहनकर लोग मंदिर जाते हैं । इस दिन लोग हाथ में गंध , अक्षत , जल और चमेली का फूल लेकर भगवान ब्रम्हा के मंत्रों का उच्चारण करते हैं ।
इस दिन लोग स्वस्तिक का चिन्ह बनाते हैं । इस दिन लोग घर के प्रवेशद्वार पर आम के पत्तों का तोरण लगाते हैं । इस दिन लोग घर में पच्चडी नाम का पेय बनाते हैं । इस दिन आंध्रप्रदेश और तेलंगाना में बोवत्तु या पोलेलु नाम का व्यंजन बनाया जाता हैं । उत्तर भारतीय लोग गुड़ी पाड़वा या उगादी नहीं मनाते हैं । उनके यहां नौ दिन की चैत्र नवरात्री की पूजा इस दिन से शुरू होती हैं । सिंधु प्रांत में इस त्यौहार को ‘ चेटी चंड ‘ नाम से जाना जाता है । यह त्यौहार सिंधी लोग हर्षोल्लास से मनाते हैं ।
गुड़ी पाड़वा का महत्व –
गुड़ी पड़वा यह त्यौहार हिंदू लोगों के लिए महत्वपूर्ण हैं । ऐसी मान्यता हैं की इस दिन , भगवान ब्रम्हा ने ब्रम्हांड बनाया था । इसलिए लोग इस दिन पवित्र तेल से स्नान करते है । इस दिन तेल से स्नान करना शुभ माना जाता हैं । ऐसी मान्यता हैं की इस दिन घर के प्रवेशद्वार पर गुड़ी और आम के पत्तों के तोरण लगाने से घर में सुख समृद्धी रहती हैं ।
ऐसी मान्यता हैं की इस दिन पुरणपोली खाने से चर्मरोग से मुक्ती मिलती हैं । इस दिन सुबह नीम की पत्तियां खाने की परंपरा है । इस दिन सुबह नीम की पत्तियां खाने से हमारे शरीर में खुन में मौजूद अशुद्धियां दूर हो जाती हैं ।
गुड़ी पाड़वा के दिन क्या करें –
- गुड़ी पाड़वा के दिन बजरंगबली को भोग लगाए । इस दिन बजरंगबली को प्रसन्न करने के लिए गुड़ में चमेली का तेल मिलाकर भोग लगाएं । इस दिन हनुमान चालीसा पढ़े और बजरंगबली की सात परिक्रमा करें । ऐसी मान्यता है की ऐसा करने से सभी दु:खों से छुटकारा मिल जाता हैं ।
- इस दिन अपने व्यापार के जगह पर उसके मुख्य द्वार पर दोनो तरफ हरिद्रा के दाने डाले । ऐसा करने से धन मिलने लगता है ।
- गुड़ी पाड़वा के दिन गणेश मंदिर में जाकर भगवान गणेश को पांच सुपारी और 21 दूर्वा अर्पित करें । ऐसा करने से आपको धन की कमी नहीं होगी ।
- इस दिन सुबह पुरे घर में गंगाजल छिड़कना चाहिए और दूर्गा माता का ध्यान करना चाहिए । ऐसा करने से घर में खुशहाली आती है।
- इस दिन किसी छोटी कन्या के हाथ से निर्धन व्यक्ती को चावल दान कराये । इससे आपको व्यापार की बाधाओं से मुक्ती मिलने में लाभ मिलेगा ।
गुडी़ पाड़वा के दिन यह न करें –
- गुड़ी पाड़वा के दिन घर को गंदा नहीं रखना चाहिए ।
- इस दिन किसी भी प्रकार का व्यसन नहीं करें ।
- इस दिन गंदे और न धुले हुए कपड़े नहीं पहने ।
- इस दिन खाने में प्याज और लहसुन का उपयोग न करें ।
- इस दिन मांसाहारी भोजन न करें ।
- इस दिन किसी भी अपशब्द का उपयोग न करें । इस दिन किसी को भी गाली न दे और किसी का भी अपमान नहीं करना चाहिए ।
- इस दिन नाखून , बाल और दाढ़ी – मूंछ नहीं कटवानी चाहिए ।
इस पोस्ट में हमने गुड़ी पाड़वा के बारे में जानकारी ली । हमारी पोस्ट शेयर जरुर किजीए । धन्यवाद !
यह लेख अवश्य पढ़े –
गुड़ी पाड़वा कहाँ मनाया जाता है?
कर्नाटक,गोवा,महाराष्ट्र,आंध्र प्रदेश में मनाया जाता
गुड़ी पाड़वा के दिन क्या बनाते हैं?
मान्यता है कि इस दिन रंगोली मनाने से आपके घर में सुख समृद्धि और खुशियां आती हैं। इसके साथ ही हल्दी और सिंदूर से मुख्य द्वार पर स्वास्तिक बनाया जाता है। महाराष्ट्र के घरों में इस दिन पूरन पोली नामक व्यंजन बनाया जाता है।
गुड़ी पाड़वा की पूजा कैसे करते हैं?
गुड़ी पाड़वा पर लोग सूर्योदय के समय शरीर में तेल लगाकर स्नान करते हैं.
गुड़ी पाड़वा की विशेषता क्या है?
मान्यता है कि गुड़ी को घर में लगाने से बुरी शक्तियां दूर रहती हैं। वहीं, सुख-समृद्धि आती है। गुड़ी पड़वा के दिन लोग अपने घर की विशेष रूप से साफ-सफाई करते हैं।