Emotional maa quotes in hindi माँ शब्द जितना छोटा हैं इसका यतार्थ समझना उतना ही कठिन है। इस छोटे से शब्द में प्रेम भाव अभिलाषा और शक्ति का वास होता है। दुनिया में केवल एक माँ ही है जो खुद मौत के मुँह में जाकर औलाद को जन्म देती है। खुद से ज्यादा अपनी संतान की फ़िक्र करती है। माँ जितना ताकतवर इस संसार में कोई नहीं है। माँ साक्षात ईश्वर होती है। इसलिए हमें भी अपना फर्ज निफाते हुए बुढ़ापे में उनका साथ देना चाहिए। माँ हमारे लिए क्या कुछ नहीं करती और बदले में वो हमसे और कुछ नहीं बस थोड़ा वक़्त और प्यार मांगती है।
माँ ना होती तो वफा कौन करेगा
ममता का हक भी अदा कौन करेगा
रब हर एक माँ को सलामत रखना
वरना हमारे लिए दुआ कौन करेगा..
मेरे होने की वजह मेरी माँ है,
मेरे जीवन की ख़ुशी मेरी माँ है,
सब का अपना-अपना खुदा होता है,
मेरे लिए तो खुदा मेरी माँ है.
ज़िन्दगी की पहली शिक्षक माँ,
ज़िन्दगी की पहली दोस्त माँ,ज़िन्दगी भी
माँ क्योँकि ज़िन्दगी देने वाली भी माँ.
मेरी दुनिया में इतनी जो शोहरत है मेरी
माँ की बदौलत है ऐ मेरे भगवान और
क्या देगा तू मुझे मेरी माँ ही मेरे सबसे
बड़ी दौलत है.
चलती फिरती आँखों से अज़ाँ देखी है
मैंने जन्नत तो नहीं देखी है माँ देखी है.
नींद न आने से परेशान मैं था, जग वो रही थी वो माँ थी, मेरे रूठने से रो वो रही थी।
भीड़ में सब थे मुझे हारता देख सब चुप थे, माँ भीड़ से अलग मुझे पुकार रही थी।
वो कह रही थी मुझे नींद नहीं आती जब से तू गया है, दिन रात गुजारी नहीं जाती।
के फ़िक्र न करना ‘माँ’ मैं आऊंगा और फ़िर से तुझे सताऊंगा।
इस शहर में भीड़ बहुत, है एक तेरे बिना माँ पूरा शहर वीराना लगता है।
खुद से पहले मुझे खाना खिलाती थी वो माँ थी, मेरे कुछ न कहने पर भी सब समझती थी।
आसान नहीं मां होना, दर्द में भी नौ महीने एक जिस्म दो जान होना।
हर पल तेरी याद आती है, माँ तेरे बिना अब मुझे नींद नहीं आती है।
मैं नींद में था मुझे तेरी याद आई थी, मेरे सपनों में भी माँ तूने मुझे लोरी सुनाई थी।
ए खुदा तेरे इस तोहफ़े को जन्नत से भी बढ़ कर दर्जा दूं जो तूने माँ बनाई।
गिन लेती है दिन बगैर मेरे गुजारें है कितने,
भला कैसे कह दूं कि माँ अनपढ़ है मेरी..!!
हालातों के आगे जब साथ ना जुदा होती है पहचान लेती है
ख़ामोशी में हर दर्द वह सिर्फ मां होती है..!!
ऐसी ख़ुशी की ख्वाईश कभी मत करना,
जो आपकी माँ के दिल को दुःख पहुंचाए..!!
घर में धन, दौलत, हीरे, जवाहरात सब आए,
लेकिन जब घर में मां आई तब खुशियां आई..!!
है एक कर्ज जो हरदम सवार रहता है
वह मां का प्यार है सफर उधार रहता है..!!
किसी भी मुश्किल का अब किसी को हल नहीं मिलता
शायद अब घर से कोई माँ के पैर छूकर नहीं निकलता..!!
मैं रात भर जन्नत की सैर करता रहा दोस्तों,
सुबह जब नींद खुलीं तो सर माँ के पैरो पे था..!!
भगवान हर जगह नहीं हो सकते,
इसलिए उन्होंने माँ बनाई है..!!
है गरीब मेरी माँ फिर भी मेरा ख्याल रखती है
मेरे लिए रोटी और अपने लिए पतीले की खुरचन रखती है..!!
जन्नत के हर लम्हें का दीदार कर लिया
जब जब मेरी माँ ने गोद में उठाकर मुझे प्यार कर लिया..!!
जो शिक्षा का ज्ञान दे उसे शिक्षक कहते है,
और जो खुशियों का वरदान दे उसे मां कहते है..!!
मुसीबतों ने मुझे काले बादल की तरह घेर लिया,
जब कोई राह नजर नहीं आई तो मां याद आई..!!
देख आया हूँ जन्नत सारे जहान की
पर सकूं तेरे पहलू में आकर ही मिलता है..!!
उम्रभर ओ माँ तू मोहब्बत से मेरी खिदमत रही
अब मैं खिदमत लायक हुआ तो तू चल बसी
माँ है महोब्बत का नाम, माँ को हजारो सलाम
करदे फ़िदा जिंदगी, आये जो बच्चो के काम..!!
माँ और क्षमा दोनों एक हैं
क्यूंकि माफ़ करने में दोनों नेक हैं..!!
मेरी ख्वाहिश है की मैं फिर से फरिश्ता हो जाऊँ
माँ से इस तरह लिपटूँ की बच्चा हो जाऊँ..!!
उम्रभर ओ माँ तू मोहब्बत से मेरी खिदमत रही
अब मैं खिदमत लायक हुआ तो तू चल बसी..!!
माँ तेरे दूध का हक मुझसे अदा क्या होगा!
तू है नाराज ती खुश मुझसे खुदा क्या होगा..!!
जरा सी बात है लेकिन हवा को कौन समझाए
कि मेरी माँ दिए से मेरे लिए काजल बनाती है..!!
हजार के नोटों से तो बस जरूरतें पूरी होती हैं,
मजा तो माँ से मांगे एक रुपये के सिक्के में था..!!
माँ के कंधे पर जब सर रखा मैंने तो पूछा कब तक युही अपने कंधे पर पर सोने देगी…
माँ ने कहा बेटा – तब तक की जब तक लोग मुझे अपने कंधे पर उठा नहीं लेंगे..!!
माँ ! के आगे यूँ ही कभी खुल कर नहीं रोना,
जहाँ बुनियाद हो, इतनी नमी अच्छी नहीं होती..!!
जब जब कागज पर लिखा मैंने मां का नाम,
कलम अदब से बोल उठी हो गए चारों धाम..!!
बिना जिक्र ही मेरी फिक्र है तुझे
बड़ी अजब है यह अदा तेरी मां !
मकानों घर की शान का
जब भी बटवारा होगा
मां मेरी होगी
भाइयों का घर सारा होगा!
किसी को घर मिला हिस्से में
या कोई दुकान आई मैं घर
में सब से छोटा था मेरे हिस्से में
माँ आई !
वह मुझे डांट कर खुद रोई होगी
वह तो मां है साहब
मुझे सूखे में सुलाकर
खुद गीले में सोई होगी !
मां के पैर छूकर निकला तो
जिंदगी संवर गई मानो हर
बुरी नजर दुआ में बदल गई !
संसार का समस्त सुख
उसके आंचल में समाता है
शब्दों से जो बयां ना हो पाए
मां वो अनंत गाथा है !
मां से ही एक ऐसा लगाव है
चोट हमारे शरीर पर लगती है
और आंसू उसकी आंखों में दिखते हैं !
मां मेरी जान है मां मेरी पहचान है
जो खुद मौत से लड़ कर
हमें जिंदगी दे मां वही इंसान है !
जज्बात अलग है पर बात
तो एक हैं उसे माँ कहू या
भगवान बात तो एक है !
मां जैसा कोई दुनिया में अनोखा नहीं होता
एक मां के प्यार में ही बस धोखा नहीं होता !
माँ वो है जो लाखों दुःख के आगे भी एक खूबसूरत मुस्कराहट पहन सकती है, माँ के भीतर एक गज़ब की सेहन शक्ति है।
वो बच्चे को खुश देखना चाहती है उसका दुःख नहीं देख सकती, माँ खुद भूखी रह सकती है मगर अपने बच्चे को भूखा नहीं देख सकती।