अपरा एकादशी के बारे में जानकारी Apara Ekadashi Information In Hindi

Apara Ekadashi Information In Hindi हॅलो ! इस पोस्ट में हम अपरा एकादशी के बारे में जानकारी लेने वाले हैं । हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का बहोत महत्व होता हैं । प्रत्येक माह में दो एकादशी होती हैं । एक कृष्ण पक्ष में और एक शुक्ल पक्ष में । ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की तिथि को अपरा एकादशी इस नाम से जाना जाता हैं । अपरा एकादशी को अचला एकादशी और जलक्रीडा एकादशी इन नामों से भी जाना जाता हैं ।

Apara Ekadashi Information In Hindi

अपरा एकादशी के बारे में जानकारी Apara Ekadashi Information In Hindi

इस दिन गंगा स्नान करना और दान करना शुभ माना जाता हैं । यह एकादशी बडे़ बडे़ पापों का नाश करने वाली और पूण्य प्रदान करने वाली होती हैं । इस व्रत के प्रभाव से ब्रम्हहत्या , स्त्रीगमन , दुसरे की निंदा करना , झूठी गवाही , झूठा वेद पढ़ना , असत्य बोलना , झूठा शास्त्र बनाना आदि जैसे बड़े पाप भी मिट जाते हैं ।

अपरा एकादशी का व्रत करने से परिवार में सुख शांती और समृद्धी आती हैं । अपरा एकादशी का व्रत करने से और इसका महत्व पढ़ने से सहस्त्र गोदान का फल मिलता हैं । यह व्रत सभी व्रतों में उत्तम माना जाता हैं । इस दिन ‘ ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः ‘ इस मंत्र का 108 बार जाप करना भी शुभ माना जाता हैं ।

अपरा एकादशी की पूजा विधि –

अपरा एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठें और स्नान करें । इसके बाद स्वच्छ कपड़े पहने और घर के मंदिर में दीप लगाए । इसके बाद भगवान विष्णु का गंगाजल से अभिषेक करें । भगवान विष्णु को तुलसी और पुष्प अर्पित करें । अगर आप कर सकते हैं तो इस दिन व्रत भी करें ।

अपरा एकादशी के दिन अपरा एकादशी की व्रत कथा का पाठ करें और भगवान की आरती करें । आरती करने के बाद भगवान को भोग लगाएं । इस बात का विशेष ध्यान रखें की भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाएं । ऐसा माना जाता हैं की भगवान विष्णु बिना तुलसी के भोजन ग्रहण नहीं करते ।

इसलिए भगवान विष्णु के भोग में तुलसी को जरूर शामिल करें। इस दिन भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की भी पूजा करनी चाहिए । इस दिन भगवान का ज्यादा से ज्यादा ध्यान करें । रात के समय अगर आप करना चाहते हैं तो भगवान के सामने भजन – किर्तन भी कर सकते हैं । अगले दिन सुर्योदय के बाद ब्राम्हण को भोजन करवाएं और दक्षिणा दें ‌। इसके बाद व्रत का पारण करें और भोजन करें ।

अपरा एकादशी व्रत कथा –

प्राचीन समय में महीध्वज नाम का एक धर्मात्मा राजा था। उसका छोटा भाई वज्रध्वज बहोत ही क्रूर और अधर्मी था। छोटा भाई बड़े भाई को मारना चाहता था। एक दिन रात में उस पापी ने बड़े भाई महीध्वज की हत्या कर दी। उसने शव को जंगल में एक पीपल के नीचे गाड़ दिया। अकाल मृत्यु से राजा प्रेतात्मा के रूप में उसी पीपल पर रहने लगा। प्रेतात्मा होने की वजह से वह वहां उत्पात करने लगा।

एक दिन धौम्य नामक एक ऋषि पीपल के पास से गुजर रहे थे , तो उन्होंने प्रेत को देखा। ऋषि ने अपने तपोबल से प्रेत के उत्पात का कारण समझा। सब कुछ जान लेने के बाद ऋषि ने उस प्रेत को पीपल के पेड़ से उतारा और परलोक विद्या का उपदेश दिया।

दयालु ऋषि ने राजा की प्रेत योनि से मुक्ति दिलाने के लिए स्वयं ही अपरा एकादशी का व्रत किया, जिसके पुण्य के परिणाम स्वरूप राजा को प्रेत योनि से मुक्ति मिल गई। उसने ऋषि को धन्यवाद दिया और वह स्वर्ग में चला गया। अपरा एकादशी की कथा पढ़ने या सुनने से मनुष्य सभी पापों से मुक्त हो जाता है।

अपरा एकादशी के दिन क्या करना चाहिए –

1 ) अपरा एकादशी के दिन घर के किसी कोने में एक दीप लगाना चाहिए । ऐसा करने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा होती हैं ।

2 ) अपरा एकादशी के दिन पीपल के पेड़ को जल चढ़ाना चाहिए और घी का दीप लगाना चाहिए ।

3 ) एकादशी के दिन आप जितना कर सकते हो उतना ‘ ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ‘ इस मंत्र का जाप करना चाहिए । इस दिन भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप तुलसी की माला से करना चाहिए । इससे मनोकामना पूरी हो जाती हैं । इस दिन विष्णु सहस्रनाम का पठन भी करना चाहिए ।

4 ) एकादशी के दिन दान पुण्य को बहोत महत्व होता हैं । इसलिए इस दिन दान करना चाहिए ।

5 ) भगवान विष्णु को तुलसी बहोत प्रिय हैं । इसलिए एकादशी के दिन भगवान विष्णु को तुलसी जरूर अर्पित करें । इस दिन भोग में भी तुलसी जरूर शामिल करनी चाहिए ।

6 ) अपरा एकादशी के दिन एकादशी की व्रत कथा जरूर पढ़नी चाहिए ।

7 )अपरा एकादशी के दिन भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की भी पूजा करनी चाहिए ।

8 ) अपरा एकादशी के दिन भगवान विष्णु को खीर का भोग लगाना चाहिए। इसमें तुलसी की एक पत्ती जरूर रखनी चाहिए । ऐसा करने से घर में सुख-शांति आती है।

अपरा एकादशी के दिन क्या नहीं करना चाहिए –

1 ) एकादशी के दिन बाल और नाखून नहीं काटने चाहिए ।

2 ) एकादशी के दिन किसी का भी अपमान नहीं करना चाहिए ।

3 )एकादशी के दिन लहसून और प्याज का सेवन नहीं करना चाहिए ।

4 ) इस दिन मांस – मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए ।

5 ) इस दिन किसी का भी बूरा नहीं करना चाहिए और बूरे विचार मन में नहीं लाने चाहिए ।

6 ) अपरा एकादशी के दिन चावल नहीं खाने चाहिए ।

7 ) अपरा एकादशी के दिन झूठ नहीं बोलना चाहिए और क्रोध का त्याग करना चाहिए ।

8 ) एकादशी के दिन काले रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए ।

इस पोस्ट में हमने अपरा एकादशी के बारे में जानकारी ली । हमारी पोस्ट शेयर जरूर किजीए । धन्यवाद !

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अपरा एकादशी में क्या नहीं खाना चाहिए?

अपरा एकादशी के दिन चावल नहीं खाना चाहिए। एकादशी के दिन चावल खाना अशुभ माना गया है। कहा जाता है कि एकादशी के दिन चावल खाने से प्राणी रेंगने वाले जीव की योनि में जन्म लेता है।

अचला एकादशी का क्या महत्व है?

इस एकादशी व्रत को रखने का विशेष महत्व होता है. मान्यतानुसार जो भक्त अचला एकादशी के दिन भगवान विष्णु के लिए व्रत रखते हैं और पूजा करते हैं उन्हें संसार के सभी सुखों की प्राप्ति होती है और माता लक्ष्मी की आराधना करने पर धन-वैभव से जीवन समृद्ध हो जाता है. अचला एकादशी के दिन सुबह उठकर निवृत्त होकर स्नान किया जाता है.

अपरा एकादशी व्रत में क्या खाना चाहिए?

किसी कारणवश निराहार रहकर व्रत करना संभव न हो तो एक बार भोजन करें। …
* एकादशी के दिन प्रात: लकड़ी का दातुन न करें। …
* फलों में केला, आम, अंगूर, बादाम, पिस्ता इत्यादि अमृत फलों का सेवन करें।

अपरा एकादशी का व्रत कैसे करते हैं?

सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं।
घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें।
भगवान विष्णु को पुष्प और तुलसी दल अर्पित करें।
अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें।
भगवान की आरती करें।
भगवान को भोग लगाएं। …
इस पावन दिन भगवान विष्णु के साथ ही माता लक्ष्मी की पूजा भी करें।

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