समाज सेवक अन्ना हजारे का जीवन परिचय, Anna Hazare Biography in Hindi

Anna Hazare Biography in Hindi किसन बाबूराव हजारे एक भारतीय समाजसेवी हैं। वर्तमान में पूरा देश उन्हें अन्ना हजारे के नाम से जानता है। वह एक भारतीय साजिक कार्यकर्ता है। अन्ना हजारे ने ये सोचा की विकास के मामले में केवल भ्रष्टाचार ही एक सबसे बढ़ी बाधा है। जो ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने के साथ ही सरकारी कार्यों को पारदर्शी बनाने और जनता की सेवा करने, भ्रष्टाचार की जाँच करने तथा सजा देने के लिए आन्दोलन के नेतृत्व कर्ता के रूप में जाने जाते है। छठे दशक के आसपास वह फौज में शामिल हो गए।

उनकी पहली पोस्टिंग बतौर ड्राइवर पंजाब में हुई। यहीं पाकिस्तानी हमले में वह मौत को धता बता कर बचे थे। इसी दौरान नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से उन्होंने विवेकानंद की एक पुस्‍तक ‘कॉल टु दि यूथ फॉर नेशन’ खरीदी और उसको पढ़ने के बाद उन्होंने अपनी जिंदगी समाज को समर्पित कर दी।अन्ना हजारे को 1992 में भारत सरकार द्वारा भारत के राष्ट्रीय पुरस्कार पद्मविभूषण से सम्मानित किया गया था आज हम एक ऐसे ही समाजसेवक के बारे में हर छोटी-छोटी बात जानेंगे ….

Anna Hazare Biography in Hindi

समाज सेवक अन्ना हजारे का जीवन परिचय, Anna Hazare Biography in Hindi

व्यक्तिगत जीवन :-

किसान बाबुराव हजारे का जन्म 15 जून 1937 को महाराष्ट्र के अहमद नगर जिले के निकट भिंगार में एक मराठी किसान परिवार में हुआ था। अन्ना हजारे का नाम किसान बाबू राव हजारे है। अन्ना हजारे के पिता का नाम बाबू राव हजारे था। उनकी माँ का नाम लक्ष्मी राव हजारे, उनके भाई का नाम मारुती हजारे है,  उनके पिता का नाम बाबूराव हजारे और माँ का नाम लक्ष्मीबाई हजारे था। उनका बचपन बहुत गरीबी में गुजरा। पिता मजदूर थे तथा दादा सेना में थे। दादा की तैनाती भिंगनगर में थी। वैसे अन्ना के पूर्वंजों का गाँव अहमद नगर जिले में ही स्थित रालेगन सिद्धि में था। अन्ना के छह भाई हैं। परिवार में तंगी का आलम देखकर अन्ना की बुआ उन्हें मुम्बई ले गईं। व्यक्तिगत जीवन में अन्ना हजारे अविवाहित है।

उन्होंने अभी तक किसी से विवाह नहीं किया है। वह प्रतिदिन योग करते है। उनका रहन-सहन सरल है। उनका वजन 58 किलोग्राम है। उनके पसंदीदा नेता मोहनदास करम चंद गाँधी है और स्वामी विवेकानंद है।

अन्ना हजारे की शिक्षा 

ग़रीबी की वजह से उनके भाई बहन कभी स्कूल पढने के लिए नहीं जा पाए। आर्थिक संघर्ष के दौरान उनका परिवार अपने पैतृक गांव रालेगण सिद्धि में एक छोटी सी कृषि भूमि पर खेती कर अपना जीवन व्यतीत करने लगा।

अन्ना हजारे के अन्य सामाजिक कार्य-

  1. महाराष्ट्र में भ्रष्टाचार विरोधी विरोध प्रदर्शन
  2. सूचना का अधिकार आंदोलन
  3. लोकपाल बिल आंदोलन
  4. चुनावी सुधार आन्दोलन

अन्ना हजारे की पुस्तकें-

प्रमुख सम्मान :

  • पद्मभूषण पुरस्कार (1992)
  • पद्मश्री पुरस्कार (1990)
  • इंदिरा प्रियदर्शिनी वृक्षमित्र पुरस्कार (1976)
  • महाराष्ट्र सरकार का कृषि भूषण पुरस्कार (1989)
  • यंग इंडिया पुरस्कार
  • मैन ऑफ़ द ईयर अवार्ड (1988)
  • पॉल मित्तल नेशनल अवार्ड (2000)
  • ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल इंटेग्रीटि अवार्ड (2003)
  • विवेकानंद सेवा पुरुस्कार (1996)
  • शिरोमणि अवार्ड (1997)
  • महावीर पुरुस्कार (1997)
  • दिवालीबेन मेहता अवार्ड (1999)
  • केयर इन्टरनेशनल (1998)
  • बासवश्री प्रशस्ति (2000)
  • GIANTS INTERNATIONAL AWARD (2000)
  • नेशनलइंटरग्रेसन अवार्ड (1999)
  • विश्व-वात्सल्य एवं संतबल पुरस्कार
  • जनसेवा अवार्ड (1999)
  • रोटरी इन्टरनेशनल मनव सेवा पुरस्कार (1998)
  • विश्व बैंक का ‘जित गिल स्मारक पुरस्कार’ (2008)

यह भी जरुर पढ़े –

अन्ना हजारे के गांव का नाम क्या है?

रालेगांव सिद्धि 


अन्ना हजारे आंदोलन क्या है?

५ अप्रैल २०११ को एक सशक्त लोकपाल विधेयक के निर्माण की माँग पर सरकारी निष्क्रियता के प्रतिरोध में अन्ना हजारे ने आमरण अनशन शुरु कर दिया। भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी इस मुहिम में अरविंद केजरीवाल, किरण बेदी, प्रशांत भूषण, बाबा रामदेव एवं अन्य अनेक प्रसिद्ध समाजसेवी शामिल थे। सरकार ने इसे उपेक्षित करना जारी रखा।

अन्ना हजारे की उम्र क्या है?

86

लोकपाल बिल कब लागू हुआ?

17 दिसंबर, 2013 को राज्यसभा और 18 दिसंबर, 2013 को लोकसभा में पारित हो गया

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